आरक्षण पर कार्मिकों में सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग, लगा रहे सुरक्षा की गुहार

आरक्षण को लेकर जनरल-ओबीसी और एससी-एसटी कार्मिकों के बीच अब सोशल मीडिया पर भी जंग छिड़ गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 06 Mar 2020 02:42 PM (IST) Updated:Fri, 06 Mar 2020 02:42 PM (IST)
आरक्षण पर कार्मिकों में सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग, लगा रहे सुरक्षा की गुहार
आरक्षण पर कार्मिकों में सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग, लगा रहे सुरक्षा की गुहार

देहरादून, जेएनएन। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर जनरल-ओबीसी और एससी-एसटी कार्मिकों के बीच अब सोशल मीडिया पर भी जंग छिड़ गई है। यह जंग बेमियादी हड़ताल के पहले दिन परेड ग्राउंड में हुई सभा में जनरल-ओबीसी एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी की ओर से एससी-एसटी कार्मिकों के कम पढ़े-लिखे हुए बयान के बाद छिड़ी। दीपक जोशी का कहना है कि एससी-एसटी कार्मिक उसी दिन से उन पर अशोभनीय टिप्पणियां कर रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को मुख्यमंत्री और गृह विभाग को पत्र भेजकर एक बार फिर सुरक्षा की गुहार लगाई है। 

सात फरवरी को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जनरल-ओबीसी एसोसिएशन बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली की मांग को लेकर दो मार्च से बेमियादी हड़ताल पर हैं। वहीं, एससी-एसटी कार्मिक संवैधानिक अधिकारों का हवाला देते हुए पदोन्नति में आरक्षण जारी रखने के पक्ष में हैं। यही वजह है कि जब जनरल ओबीसी कार्मिकों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया तो एससी-एसटी कार्मिकों ने सरकार का साथ देते हुए इस दौरान ड्यूटी करने और हरसंभव मदद करने का ऐलान किया। 

यहां तक तो सब ठीक रहा, लेकिन हड़ताल के पहले दिन परेड ग्राउंड में हुई जनरल ओबीसी की सभा में उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने अपने भाषण में एससी-एसटी कार्मिकों को कम पढ़ा-लिखा बताते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई थी। इसके बाद से एससी-एसटी कार्मिकों में उबाल आ गया और जोशी के बयान की सोशल मीडिया पर निंदा शुरू कर दी। लेकिन कइयों ने दीपक जोशी को लेकर बेहद अशोभनीय बातें सोशल मीडिया पर लिखीं। 

इसे लेकर दीपक जोशी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों की प्रतियों के साथ मुख्यमंत्री और गृह विभाग को पत्र भेजा है। उन्होंने यह भी कहा कि वह कई दिनों से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी गुहार नहीं सुनी जा रही है। 

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एससी-एसटी कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग 

पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों पर अनुसूचित जाति-जनजाति शिक्षक एसोसिएशन ने निशाना साधा है। एसोसिएशन का आरोप है कि हड़ताल के चलते कई दफ्तरों में मार-पिटाई की नौबत आने की संभावना जताई जा रही है।

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ऐसे में विभिन्न कार्यालयों में तैनात एससी-एसटी कर्मचारियों की सुरक्षा की व्यवस्था होना जरूरी है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय भाटिया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों की सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए कार्मिकों की सुरक्षा होनी अनिवार्य है। 

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