मनरेगा में शामिल हो पिरूल एकत्रीकरण कार्यक्रम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार से राज्य एवं पर्यावरण के व्यापक हित में पिरूल एकत्रीकरण कार्यक्रम को महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में शामिल करने का अनुरोध किया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Dec 2018 09:23 PM (IST) Updated:Mon, 10 Dec 2018 09:23 PM (IST)
मनरेगा में शामिल हो पिरूल एकत्रीकरण कार्यक्रम
मनरेगा में शामिल हो पिरूल एकत्रीकरण कार्यक्रम

राज्य ब्यूरो, देहरादून

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार से राज्य एवं पर्यावरण के व्यापक हित में पिरूल एकत्रीकरण कार्यक्रम को महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में शामिल करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को भेजे गए तमाम प्रस्तावों के सापेक्ष केंद्रीय मदद भी अवमुक्त करने को कहा है।

सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित ग्रामीण विकास की केंद्र पोषित योजनाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत दूसरी किश्त की 13.35 करोड़ की धनराशि शीघ्र निर्गत की जाए। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना प्रथम (पीएमजीएसवाई-एक) के अंतर्गत स्टेज-दो की 181 सड़कों तथा 119 सेतुओं की डीपीआर एवं अपग्रेडेशन कार्यो की 281 डीपीआर के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय से धनराशि उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने राज्य के सामारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमात जिलों के गरीब परिवारों के आर्थिक उन्नयन के लिए 95.44 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत दूसरी किश्त के रूप में 13.35 करोड़ रुपये राज्य को अवमुक्त किए जाएं। उन्होंने पीएमजीएसवाई-एक के अंतर्गत अवशेष कार्यो की स्वीकृति मार्च 2019 के बाद न दिए जाने की दशा में स्टेज दो की 181 डीपीआर तथा सेतुओं की 119 डीपीआर की संयुक्त रूप से स्वीकृति का आग्रह करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत उच्चीकरण कार्यो के लिए भेजी गई 281 डीपीआर की धनराशि भी ग्रामीण विकास मंत्रालय से उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अपेक्षा की कि उत्तराखंड के सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चार सीमांत जिलों में रहने वाले परिवारों की आजीविका से संबंधित 95.44 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजा गया है। इसे भी जल्द स्वीकृति प्रदान की जाए।

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