उत्तराखंड के सीएम ने दलितों संग लंगर छक दिया समरसता का संदेश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दलितों के साथ पंगत में भोजन कर समरसता का संदेश दिया। सीएम ने दलित समुदाय की महिलाओं को सम्मानित करते हुए कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी।

By BhanuEdited By: Publish:Sat, 14 Apr 2018 12:49 PM (IST) Updated:Sun, 15 Apr 2018 01:56 PM (IST)
उत्तराखंड के सीएम ने दलितों संग लंगर छक दिया समरसता का संदेश
उत्तराखंड के सीएम ने दलितों संग लंगर छक दिया समरसता का संदेश

देहरादून, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दलितों के साथ पंगत में भोजन कर समरसता का संदेश दिया। कहा कि कुछ लोग दलितों के नाम पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे षड्यंत्रकारियों के मंसूबे को विफल करना ही समरसता का मकसद है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दलित समुदाय की महिलाओं को सम्मानित करते हुए कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।

भारतीय जनता युवा मोर्चा महानगर ने मोहिनी रोड स्थित समुदायिक केंद्र में सहभोज कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दलितों के नाम पर राजनीति करने वाले देश के विकास में बाधक हैं। 

उन्होंने कहा कि सामाजिक एकता और समरसता की भावना राष्ट्रहित में है। किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बैगर ही मुख्यमंत्री ने कहा कि दलितों को बांटकर समाज में एकता और अखंडता को तोडऩे वालों के लिए यह कार्यक्रम मुंहतोड़ जवाब है। ऐसी साजिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। 

भाजपा को दलितों का हितैषी बताते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कहा कि आंबेडकर के जन्म दिवस से शुरू समरसता अभियान महानिर्वाण दिवस छह दिसंबर तक चलेगा। 

इससे पहले मुख्यमंत्री ने दलित महिलाओं के अलावा टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक गणेश जोशी, हरबंस कपूर, उमेश शर्मा काऊ, खजान दास, भाजपा नेता नरेश बंसल आदि के साथ बैठकर भोजन किया।

युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष श्याम पंत और महामंत्री राजेश रावत ने अतिथियों का स्वागत कर कार्यक्रम की सफलता के लिए आभार जताया। इस मौके पर प्रदेश मंत्री सुनील उनियाल गामा, जिलाध्यक्ष शमशेर पुंडीर, महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, अमर सिंह स्वेडिया, चमनलाल, विशाल गुप्ता, राकेश सिलेलान, जयपाल वाल्मीकि, विपिन चंचल, तृप्ता जाटव, तनवीर सिंह, प्रदीप आनंद, नेहा जोशी, लोकेश सकलानी, अमित राणा, आदि मौजूद रहे। 

सुरक्षा घेरे के भीतर लिया भोज 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंच के पास ही सुरक्षित जगह पर भोजन किया। यहां सुरक्षा कर्मियों ने घेरा बनाते हुए उन्हें भोजन कराया। इस दौरान दलित नेता उनको भोजन परोसने और उनके साथ भोजन करने बैठे, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें भी पीछे कर दिया। इससे कुछ दलितों ने नाराजगी भी जाहिर की है। 

सांसद को नहीं मिली बैठने की जगह 

टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह को भी मुख्यमंत्री के साथ भोजन करने को जगह नहीं मिली। सांसद ने कुछ देर तक बैठने के लिए संघर्ष किया। मगर जगह नहीं मिली तो उन्हें मंच के दूसरी ओर भोजन करना पड़ा। 

मुख्यमंत्री के साथ इन्होंने किया भोज

मुख्यमंत्री के भोजन करते वक्त पंगत में दलित समाज के उन लोगों को ही बैठने का मौका मिला, जो मंच पर उपस्थित थे। इनमें चमनलाल, बाबूराम और दो बुजुर्ग महिलाएं शामिल थीं। 

घर से खाना बनाकर लाए 

सहभोज कार्यक्रम में युवा मोर्चा से लेकर भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं और खासकर निकाय चुनाव की तैयारी करने वाले घर से भोजन बनाकर लाया। भोजन में पूरी, रोटी, सब्जी, दाल, चावल आदि भोजन शामिल था। 

मुख्यमंत्री के भोजन की हुई जांच 

मुख्यमंत्री को जो भोजन परोसा गया, उसकी यहां भी प्रोटोकॉल के हिसाब से जांच हुई। इसके लिए फूड इंस्पेक्टर समय से पहले मौके पर पहुंचे और जो भोजन मुख्यमंत्री को परोसा गया, उसके सैंपल लेने के साथ जांच की गई। हालांकि, भोजन की जांच की बात पर सीएम ने कहा कि उन्होंने समरसता के भाव के साथ खाना खाया है। भोजन की जांच हुई या नहीं, इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है।

निकाय के दावेदारों ने किया शक्ति प्रदर्शन 

समरसता के इस कार्यक्रम में आगामी नगर निगम के चुनाव को लेकर भी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया। खासकर पार्षद के प्रत्याशियों ने हाथ में दावेदारी की तख्ती तक उठाई थी। पूरे कार्यक्रम में ऐसा लग रहा था कि दावेदार निकाय चुनाव के लिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। पार्षद के प्रत्याशियों ने भोजन के पैकेटों पर बाकायदा अपना नाम तक छपवाया था।

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