उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाएंगे 'ईको क्लब'

पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में अब स्कूल-कॉलेजों में गठित ईको क्लब पूरी तन्यमता के साथ पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाएंगे। ईको क्लब से जुड़े विद्यार्थी न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की बारीकियां सीखेंगे बल्कि जनसामान्य को इससे अवगत कराएंगे।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 04:56 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 04:56 PM (IST)
उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाएंगे 'ईको क्लब'
वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने सभी वन संरक्षकों को निर्देश जारी किए हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में अब स्कूल-कॉलेजों में गठित ईको क्लब पूरी तन्यमता के साथ पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाएंगे। ईको क्लब से जुड़े विद्यार्थी न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की बारीकियां सीखेंगे, बल्कि जनसामान्य को इससे अवगत कराएंगे। साथ ही परिंदों के साथ ही वन्यजीवों के संरक्षण के मद्देनजर वे जनजागरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं। वन महकमा इस सिलसिले में रणनीति तैयार करने मेंं जुटा है। जल्द ही सभी स्कूल-कॉलेजों के ईको क्लब को इससे जोड़ा जाएगा। वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने इस संबंध में सभी वन संरक्षकों को निर्देश जारी किए हैं।

पर्यावरण को सहेजने में जंगलों के योगदान से हर कोई परिचित है। इस लिहाज से देखें तो राज्य में वनों का संरक्षण यहां की परंपरा का हिस्सा रहा है। यहां के निवासी न सिर्फ वनों को पनपाते, बल्कि इनसे जरूरतें भी पूरी किया करते थे। वक्त ने करवट बदली और वर्ष 1980 में वन अधिनियम लागू होने के बाद वन और जन के इस रिश्ते में खटास भी आई। बावजूद इसके जंगलों को बचाना आज भी पहली प्राथमिकता है, मगर कहीं न कहीं वनों से मिलने वाले हक-हकूक को लेकर सिस्टम के रवैये को लेकर टीस जरूर है। यही वजह भी है कि जंगलों के संरक्षण के लिए चलने वाली योजनाओं में जनभागीदारी थोड़ी कम भी हुई है। इस सबको देखते हुए वन महकमे ने अब स्थानीय समुदाय को यह अहसास कराने का बीड़ा उठाया है कि जंगल सरकारी नहीं, बल्कि स्थानीय निवासियों के अपने हैं। इस दिशा में हुए प्रयासों के कुछ-कुछ सकारात्मक नतीजे भी दिखने लगे हैं। हाल में चमोली के नौली के जंगल में लगी आग को बुझाने में जिस तरह ग्रामीण जुटे, वह इसकी तस्दीक करती है। वन और जन के बीच यह रिश्ता और गहरा हो, इसके लिए वन महकमे ने अब विद्यार्थियों का सहारा लेने का भी निश्चय किया है। पर्यावरण संरक्षण की मुहिम से ईको क्लब का जोड़ा जा रहा है।

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वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी के अनुसार ईको क्लब का गठन लगभग सभी स्कूल-कालेजों में है। वन विभाग इन्हें अपने साथ जोड़कर जनसमुदाय को वनों के संरक्षण-संवद्र्धन के लिए प्रेरित करेगा। यही नहीं, बच्चों को पर्यावरण संरक्षण में वनों की भूमिका, पौधारोपण, नर्सरी आदि के बारे में भी उन्हें जानकारी देगा। साथ ही स्थलीय भ्रमण भी कराएगा। इसके अलावा पक्षियों और वन्यजीवों के संरक्षण के मद्देनजर जनजागरण में भी उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से जहां बच्चे पर्यावरण के सजग प्रहरी बनेंगे, वहीं वे अन्य व्यक्तियों को भी इसके लिए जागरूक करेंगे।

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