फर्जी अधिकारी बनकर ओएनजीसी के सुरक्षा अधिकारी से ठगे 10.52 लाख, मुकदमा दर्ज

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण व वित्त मंत्रालय के फर्जी अधिकारी बन 12 ठगों ने ओएनजीसी में तैनात सुरक्षा अधिकारी से 10 लाख 52 हजार रुपये ठग लिए।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 06:40 AM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 06:40 AM (IST)
फर्जी अधिकारी बनकर ओएनजीसी के सुरक्षा अधिकारी से ठगे 10.52 लाख, मुकदमा दर्ज
फर्जी अधिकारी बनकर ओएनजीसी के सुरक्षा अधिकारी से ठगे 10.52 लाख, मुकदमा दर्ज

देहरादून, जेएनएन।  सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड), आइआरडीए (बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण) व वित्त मंत्रालय के फर्जी अधिकारी बन 12 ठगों ने ओएनजीसी में तैनात सुरक्षा अधिकारी से 10 लाख 52 हजार रुपये ठग लिए। मुंबई पुलिस ने जब पीडि़त व्यक्ति से संपर्क किया तो तब इस धोखाधड़ी का राज खुला। अदालत के आदेश पर वसंत विहार थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

नवंबर 2012 में सुरक्षा अधिकारी जोरी ङ्क्षसह कुशवाहा को सोनिया मल्होत्रा नामक महिला का फोन आया। महिला ने खुद को आइआरडीए की अफसर बताया और कहा कि उनकी पुरानी पॉलिसी में साढ़े सात लाख रुपये पड़े हैं, रकम पाने के लिए उन्हें कुछ फॉर्मेलिटी करनी होगी। इसके बाद सोनिया मल्होत्रा, रुचिका शर्मा, प्रभा रावत, शोभित भारद्वाज व राजू अग्रवाल ने सुरक्षा अधिकारी को फोन करते हुए शर्त रखी कि साढ़े सात लाख रुपये पाने के लिए पांच पॉलिसी खुलवानी होंगी।

आरोपितों ने विश्वास दिलाया कि प्रत्येक पॉलिसी में सिर्फ एक-एक किश्त ही जमा करनी होगी और यह रकम भी उन्हें वापस मिल जाएगी। सुरक्षा अधिकारी ने आरोपितों पर विश्वास करते हुए नवंबर 2012 से लेकर मई 2014 तक पांच पॉलिसियां खोलकर उनमें किश्तें और प्रोसेसिंग फीस जमा कर दी। 24 नवंबर 2013 यानि पहली पॉलिसी खरीदने के एक साल बाद भी सुरक्षा अधिकारी के खाते में साढ़े सात लाख नहीं आए तो उन्होंने आरोपितों से संपर्क किया, मगर उनसे बात नहीं हो पाई। 

इसी बीच सुरक्षा अधिकारी को एक एसएमएस आया कि यदि पॉलिसी संबंधी कोई दिक्कत है तो सेबी अधिकारी अजय बख्शी से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने जब अजय बख्शी से संपर्क किया तो उसने शिकायत का निपटारा करने का आश्वासन देते हुए कहा कि सभी पॉलिसियों की धनराशि व प्रोसेसिंग फीस वित्त मंत्रालय को भेजी गई है। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी आनंद कुमार राठौर जल्द संपर्क करेंगे।

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सुरक्षा अधिकारी ने आनंद कुमार राठौर से बात की तो राठौर ने कहा कि पैसा वित्त मंत्रालय आ चुका है। वित्त मंत्रालय के कर्मचारी समय-समय पर बात करते रहेंगे। इसके बाद खुद को वित्त मंत्रालय का कर्मचारी बताकर आदित्य पटेल, मनीष गोस्वामी, संयोगिता ने सुरक्षा अधिकारी से संपर्क किया और कहा कि विभिन्न पॉलिसियों, प्रोसेङ्क्षसग फीस दो लाख 60 हजार 71 रुपये व एलआइसी का साढ़े सात लाख रुपये कुल 10 लाख 10 हजार 71 रुपये उन्हें टीडीएस के साथ रिलीज कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त कुछ और पैसा निवेश करना पड़ेगा, जिसके बदले उन्हें 10 साल तक प्रतिवर्ष 14 लाख 70 हजार रुपये मिलते रहेंगे। इसी दौरान  आरोपितों ने सुरक्षा अधिकारी से चेक मंगवाए और उन्हीं चेकों के माध्यम से एक मार्च 2014 से 25 मार्च 2015 के बीच 10 लाख 52 हजार 275 रुपये निकाल लिए।

इनके खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज 

वसंत विहार थाना पुलिस ने वसंत विहार निवासी सोनिया मल्होत्रा, रुचिका शर्मा, प्रभा रावत, शोभित, भारद्वाज, राजू अग्रवाल, आदित्य पटेल, मनीष गोस्वामी, संयोगिता व सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड, संसद मार्ग यमुना विहार निवासी अजय बख्शी, आनंद कुमार राठौर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

ऐसे हुआ पर्दाफाश

वसंत विहार के एसओ नत्थीलाल उनियाल ने बताया कि आरोपितों ने ओएनजीसी के सुरक्षा अधिकारी के नाम से खाते खुलवा दिए और वेरिफकेशन कराने के साथ एटीएम, पासबुक, चेकबुक व नेट बैंङ्क्षकग संबंधी दस्तावेज अपने पते पर मंगवा लिए। इस दौरान अन्य लोग से बड़े स्तर ठगी करते हुए पैसा इन्हीं खातों में डलवाना शुरू कर दिया। तीन खातों में बड़े स्तर पर हो रहे ट्रांजेक्शन पर जब मुंबई पुलिस अलर्ट हुई तो उन्होंने खाताधारक का पता लगाया। पुलिस ने जब सुरक्षा अधिकारी से संपर्क किया तो सुरक्षा अधिकारी के होश उड़ गए। उन्होंने पुलिस से शिकायत करने की बजाय अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। अब अदालत के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है।यह भी पढ़ें: अश्लील वीडियो विज्ञापन शूट करने के मामले में पुलिस ने फोटोग्राफर को किया गिरफ्तार

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