शराब की पंद्रह पेटी संग कार चालक गिरफ्तार, ऋषिकेश में बार लाइसेंस का विरोध

कालसी पुलिस ने एक कार चालक को पंद्रह पेटी शराब के साथ दबोचा। कार से हिमाचल प्रदेश की 12 पेटी देशी व तीन पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई है।

By BhanuEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 09:49 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 09:49 AM (IST)
शराब की पंद्रह पेटी संग कार चालक गिरफ्तार, ऋषिकेश में बार लाइसेंस का विरोध
शराब की पंद्रह पेटी संग कार चालक गिरफ्तार, ऋषिकेश में बार लाइसेंस का विरोध

देहरादून, जेएनएन। कालसी पुलिस ने एक कार चालक को पंद्रह पेटी शराब के साथ दबोचा। कार से हिमाचल प्रदेश की 12 पेटी देशी व तीन पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई है। 

कालसी पुलिस तुनिया तिराहे पर चेकिंग कर रही थी। इस दौरान पुलिस ने शक होने पर एक कार चालक को रुकने का इशारा किया तो वह वापस मुड़ने लगा। इतने में पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया। तलाशी लेने पर कार से हिमाचल ब्रांड की पंद्रह पेटी शराब बरामद की गयी। 

आरोपित ने अपनी पहचान रामेश्वर सिंह उर्फ पिंकू पुत्र बहादुर सिंह निवासी ग्राम पभार पोस्ट जाखना थाना पांवटा साहिब जिला सिरमौर हिमाचल के रूप में बताई। थानाध्यक्ष विपिन बहुगुणा के अनुसार आरोपित की हिमाचल प्रदेश जाखना में परचून की दुकान है। पिछले कई दिन से वह तुनिया पुल के रास्ते चोरी छिपे अवैध शराब की तस्करी कर रहा था।

तीर्थ नगरी में बार के लाइसेंस रद करने की मांग

शराब विरोधी आंदोलन से जुड़ी मैत्री स्वयंसेवी संस्था ने ऋषिकेश के उपजिलाधिकारी और नगर निगम प्रशासन से नगर में खुले बार के लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है। साथ ही इस मामले में कार्रवाई न करने पर न्यायालय की शरण में जाने की चेतावनी दी है।

उपजिलाधिकारी और नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त को मैत्री संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा कि मैत्री स्वयंसेवी संस्था पूरे प्रदेश में नशाबंदी अभियान चलाकर राज्य को नशा-मुक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। 

शहर में मांस-मदिरा की दुकाने एवं बार खुलने से तीर्थ नगरी की छवि धूमिल हो रही है। जिस तरह से राज्य सरकार ने तीर्थनगरी में बार का लाईसेंस दिया, वह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। तीर्थनगरी में अंग्रेजों के समय से मांस-मदिरा में प्रतिबंध था। स्वच्छ गंगा और नशा मुक्त करने वाली भाजपा सरकार खुद ही प्रदेश का नाम बदनाम करने का काम कर रही है।

उत्तराखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद इस शहर के प्रवेश द्वार को मांस-मदिरा परोसने वाले होटलों रेस्टोरेटों को लाइसेंस दिया जा रहा है। संस्था ने प्रशासन से क्षेत्र में खुले बार के लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है।

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