इंतजार में कैंटीन, स्वदेशी सामान पर असमंजस
अर्द्धसैनिक बलों के कैंटीन में स्वदेशी उत्पाद की बिक्री पर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। इसे लेकर जारी अलग-अलग गाइडलाइन के कारण फिलहाल असमंजस बना हुआ है। बताया गया कि अभी इस पर पत्राचार चल रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: अर्द्धसैनिक बलों के कैंटीन में स्वदेशी उत्पाद की बिक्री पर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। इसे लेकर जारी अलग-अलग गाइडलाइन के कारण फिलहाल असमंजस बना हुआ है। बताया गया कि अभी इस पर पत्राचार चल रहा है। कोई स्पष्ट आदेश मिलने के बाद ही इस पर अमल किया जाएगा। बहरहाल उलझन के बीच कैंटीन में पूर्व की तरह सभी प्रकार के उत्पादों की बिक्री जारी है।
दरअसल, गत माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत में बने उत्पादों के उपयोग की अपील लोगों से की थी। इस अपील पर अर्द्धसैनिक बलों ने सबसे पहले काम करना शुरू किया। कहा गया कि केंद्रीय पुलिस बल कैंटीन या सीएपीएफ कैंटीनों में घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए एक जून से सिर्फ स्वदेशी उत्पाद ही बिकेंगे। इस बावत एक आदेश भी हुआ। जिसमें कहा गया कि जो चीजें पूरी तरह से आयातित उत्पादों से बनाई जाती हैं, उन्हें कैंटीनों की सूची से हटाया जा रहा है। इसके बाद गैर स्वदेशी उत्पादों की एक सूची जारी की गई। जिस पर विवाद हो गया। कारण ये कि इनमें कई आइटम भारतीय थे। ऐसे में इन्हें कैंटीन से हटाने का आदेश पलट दिया गया। आइटीबीपी में कैंटीन समिति के चेयरमैन डप्टी कमांडेंट उमंग खत्री के अनुसार कोरोना के चलते बाहर से आने वालों के लिए कैंटीन बंद है। केवल परिसर में रहने वाले जवान ही खरीदारी कर सकते हैं। स्वदेशी उत्पाद को लेकर अभी स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं। इस वजह से अभी पुरानी स्थिति ही कायम है। स्वदेशी सामग्रियों के आने व उनके स्वदेशी अथवा विदेशी होने के स्पष्ट दिशा निर्देश के बाद ही इस मुद्दे पर कुछ बताया जा सकता है।