यहां ग्रामीण आर्थिकी संवारेगी काली मिर्च और ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती, जानिए

राज्य में काली मिर्च और ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती ग्रामीण आर्थिकी को संवारने का बड़ा जरिया बनेगी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड ग्राम्य विकास और पंचायतीराज संस्थान रुद्रपुर की बोर्ड आफ गवर्नर्स की बैठक में इन दोनों फसलों को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों की राय लेने के निर्देश दिए।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 01:19 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 01:19 PM (IST)
यहां ग्रामीण आर्थिकी संवारेगी काली मिर्च और ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती, जानिए
ग्रामीण आर्थिकी संवारेगी काली मिर्च और ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोशिशें रंग लाईं तो निकट भविष्य में राज्य में काली मिर्च और ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती ग्रामीण आर्थिकी को संवारने का बड़ा जरिया बनेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को उत्तराखंड ग्राम्य विकास और पंचायतीराज संस्थान, रुद्रपुर की बोर्ड आफ गवर्नर्स की बैठक में इन दोनों फसलों को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों की राय लेने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की आर्थिकी संवारने में काली मिर्च के अलावा मशरूम उत्पादन की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

सचिवालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में तमाम लोग कार्य कर रहे हैं। मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वृहद स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि जनसामान्य को यह जानकारी हो सके कि मशरूम का बहुआयामी उपयोग किस तरह किया जा सकता है। उन्होंने ग्राम्य विकास और ग्रामीण आॢथकी के सशक्तीकरण के लिए संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा। योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए दिए जाने वाले प्रशिक्षण को आधुनिक तकनीकी से जोडऩे पर भी उन्होंने बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे संस्थान प्रशिक्षण देने के साथ ही आय सृजन का माध्यम भी बनें, इस दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने संस्थान के अधिकारियों को नवाचार की पहल के साथ ही किसानों को लाभ देने वाली योजनाओं के प्रति जागरूक करने को कहा। इस अवसर पर बताया गया कि संस्थान द्वारा अब तक 61 प्रशिक्षण आयोजित किए गए, जिनमें 3395 व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया गया। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व मनीषा पंवार, उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी के निदेशक राजीव रौतेला, सचिव पंचायतीराज एचसी सेमवाल, संस्थान के अधिशासी निदेशक हरीश चंद्र कांडपाल आदि मौजूद थे।

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