भाजपा की काडर वोट को बूथ तक लाने की रणनीति

प्रदेश में हो रहे निकाय चुनावों में दो दिन बाद मतदान होना है। ऐसे में अधिक से अधिक वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा ने रणनीति को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 08:31 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 08:31 PM (IST)
भाजपा की काडर वोट को बूथ तक लाने की रणनीति
भाजपा की काडर वोट को बूथ तक लाने की रणनीति

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में हो रहे निकाय चुनावों में दो दिन बाद मतदान होना है। ऐसे में अधिक से अधिक वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा ने रणनीति को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। पहला लक्ष्य काडर वोट को हर हाल में बूथ तक लाना है। इसके लिए भाजपा ने एक बूथ दस यूथ की रणनीति बनाई है। इन कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी अपने परंपरागत वोटरों का वोट डालना सुनिश्चित कराना होगा। इसके अलावा प्रदेश मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।

भाजपा के लिए निकाय चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न हैं। कारण यह कि डेढ़ वर्ष पहले ही भारी बहुमत से सरकार बनाने के बाद सरकार के सामने यह पहले बड़े चुनाव हैं। साथ ही निकाय चुनाव लोकसभा चुनावों के पूर्वाभ्यास के रूप में भी देखे जा रहे हैं। इन चुनावों के नतीजे काफी हद तक वोटरों का रुख पार्टी के प्रति प्रदर्शित करेंगे। इसे देखते हुए भाजपा अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। भाजपा की मंशा यह है कि पार्टी के काडर वोटर मतदान केंद्रों तक जरूर पहुंचें। इसके पीछे एक कारण भी है। दरअसल, प्रदेश में इस बार सभी निकायों में बैलेट से मतदान होगा। जाहिर कि बड़े मतदान केंद्रों में लाइनें भी लंबी लगेंगी। इस कारण इस बात की आशंका भी जताई जा रही है कि लंबी लाइनों को देखते हुए कुछ वोटर बिना वोट दिए ही वापस भी लौट सकते हैं। ऐसे में भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहती है कि काडर वोटर ऐसा न करें। इसकी जिम्मेदारी बूथ कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है। बूथ कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी सही तरह से निभाएं, इसके लिए उन पर भी नजर रखी जाएगी।

इसके अलावा प्रदेश मुख्यालय में पार्टी पदाधिकारी पूरे प्रदेश में हो रहे मतदान पर नजर रखेंगे। इसके लिए पदाधिकारियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। कहीं से भी कोई सूचना मिलने पर संबंधित जिला पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर मार्गदर्शन किया जाएगा।

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