दून अस्पताल में मरीजों को मिलेगा आयुष्मान का कवच, जानिए

दून मेडिकल कॉलेज में मरीजों को इस योजना का लाभ सोमवार तीन दिसंबर से मिलने लगेगा। इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 03 Dec 2018 10:14 AM (IST) Updated:Mon, 03 Dec 2018 08:36 PM (IST)
दून अस्पताल में मरीजों को मिलेगा आयुष्मान का कवच, जानिए
दून अस्पताल में मरीजों को मिलेगा आयुष्मान का कवच, जानिए

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। अभी प्रदेश के केवल 13 फीसद अस्पतालों में ही इस योजना का लाभ मिल पा रहा है। वहीं, सरकारी मेडिकल कॉलेज भी इस मामले में फिसड्डी हैं। बहरहाल, स्वास्थ्य सचिव की नाराजगी के बाद अब अधिकारियों की नींद टूटी है। दून मेडिकल कॉलेज में मरीजों को इस योजना का लाभ सोमवार तीन दिसंबर से मिलने लगेगा। इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एनएस खत्री को अस्पताल में योजना का नोडल अधिकारी बनाया गया है। 

चिकित्सा अधीक्षक डॉ.केके टम्टा ने बताया, उपकरणों के लिए पहले ही टेंडर किए जा चुके हैं। दवाई देने की व्यवस्था भी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में अब तक 110 आयुष्मान के लाभार्थी पंजीकृत हैं। नोडल अधिकारी डॉ. एनएस खत्री ने बताया कि लाभार्थियों के सत्यापन और उनकी अस्पताल में आमद दर्ज कराने के लिए बॉयोमीट्रिक मशीन मंगाई जा रही है।

उम्मीद है कि जल्द ही योजना में लाभार्थियों की संख्या में इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों की जानकारी के लिए अस्पताल में साइन बोर्ड लगा दिए गए हैं। वहीं, पंजीकरण के लिए दो आयुष्मान मित्रों की भी तैनाती की गई है। बता दें कि हाल में स्वास्थ्य सचिव ने समीक्षा बैठक में योजना की सुस्त रफ्तार पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि 25 दिसंबर से प्रदेश में सरकारी कर्मचारी भी योजना के दायरे में आ जाएंगे। इसे देखते हुए सभी जिलों में पर्याप्त निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया जाए। जबकि तमाम सरकारी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में भी अविलम्ब योजना शुरू की जाए। ईसीएचएस के तहत अब आयुष में भी इलाज

एक्स-सर्विसमैन कांट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) के तहत पूर्व सैनिक अब एलोपैथिक के अलावा अन्य पद्धति से भी उपचार करा पाएंगे। वह आयुष के जरिये भी स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। 

ईसीएचएस पॉलीक्लीनिक, विकासनगर के ऑफिसर इंचार्ज कर्नल (सेनि) अरविंद कांत के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत पूर्व सैनिक आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी व प्राकृतिक चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। यह सुविधा न केवल आइपीडी बल्कि ओपीडी में भी मिलेगी। ईसीएचएस की केंद्रीय इकाई ने इस संबंध में राज्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसके तहत आयुर्वेद अस्पतालों या सरकार द्वारा संचालित अन्य स्वास्थ्य इकाइयों में उपचार की अनुमति होगी। जिसके लिए पहले ईसीएचएस अधिकारियों से मंजूरी लेनी होगी। यह अनुमति मरीज के एलोपैथिक से आयुष या आयुष से एलोपैथिक में शिफ्ट होने पर लेनी होगी। पर इमरजेंसी मामलों में इसकी छूट रहेगी। 

मेडिकल सर्टिफिकेट की अब नहीं दिक्कत 

ईसीएचएस लाभार्थियों को अब मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए भी दिक्कत नहीं उठानी होगी। पॉलीक्लीनिक पर तैनात चिकित्साधिकारी उन्हें मेडिकल प्रमाण पत्र जारी कर पाएंगे। वह बीमारी व फिटनेस सहित ड्राइविंग लाइसेंस आदि के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र भी जारी कर सकते हैं। अभी तक सिविल अस्पताल से यह प्रमाण पत्र बनवाने पड़ते थे। 

एक्सटेंशन की जिम्मेदारी अस्पताल की 

कर्नल (सेनि.) अरविंद कांत ने बताया कि सर्जरी की स्थिति में अगर मरीज को सूचीबद्ध अस्पताल में निर्धारित अवधि से ज्यादा वक्त लग रहा है तो एक्सटेंशन लेने की जिम्मेदारी अस्पताल की है। अभी तक होता यह आया है कि अस्पताल मरीज के परिवार को इस काम में लगा देते हैं। अनुमति के लिए उन्हें बिना वजह पॉलीक्लीनिक के चक्कर लगाने पड़ते हैं। पर अब स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि यह प्रक्रिया अस्पताल के स्तर पर ही पूर्ण की जाएगी। 

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