आस्था के वट से मिलती हैं जीवन की सांसें, औषधीय गुणों से है यह भरपूर

बरगद अथवा वट का वृक्ष देखते ही हर किसी के शीश आस्था से झुक जाते हैं। शीतल छाया देने वाला वट जीवन रक्षक भी है। आक्सीजन देने के साथ इसके फल छाल व पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 12:42 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 05:09 PM (IST)
आस्था के वट से मिलती हैं जीवन की सांसें, औषधीय गुणों से है यह भरपूर
बरगद अथवा वट का वृक्ष देखते ही हर किसी के शीश आस्था से झुक जाते हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। बरगद अथवा वट का वृक्ष देखते ही हर किसी के शीश आस्था से झुक जाते हैं। शीतल छाया देने वाला वट जीवन रक्षक भी है। आक्सीजन देने के साथ इसके फल, छाल व पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर हैं। इसकी खासियत यह भी है कि पतझड़ के मौसम में भी यह हरा-भरा रहता है।

दस जून को वट सावित्री व्रत मनाया जा रहा है और दून की सुहागिनों ने इस दिन धर्म व संस्कृति के प्रतीक बरगद का पौधा रोपित करने और अधिक आक्सीजन देने वाले छोटे प्लांट उपहार में देने का संकल्प लिया है। यही नहीं वे इंटरनेट मीडिया और फोन के माध्यम से भी वट वृक्ष की धार्मिक और पर्यावरणीय महत्ता के प्रति दूसरों को भी जागरूक कर रहीं हैं।

इला पंत (शास्त्रीय नृत्यांगना, सहस्नधारा रोड) का कहना है कि जो संबंध नृत्य का लय और ताल से है वही संबंध मानव जीवन का सांस और पेड़ से है। इसलिए अगर लय नहीं तो नृत्य नहीं, सांस नही तो प्राण नहीं और पेड़ नहीं तो जीवन नहीं- इस संकल्प के साथ इस बार व्रत रखा जाएगा और अन्य महिलाओं को भी इस दिवस पर अधिक ऑक्सीजन देने वाले पौधे लगाने की अपील की जा रही है। मैं भी घर के आसपास में पौधा रोपने का कार्य करूंगी।

सरिता पयाल (कवयित्री, बालावाला) का कहना है कि पेड़ों से हमारा नाता काफी पुराना है वो आज भी चला आ रहा है। समय के साथ जिस प्रकार से वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है और कोरोना महामारी में कुछ लोग अपनों से हमेशा के लिए दूर हुए हैं, इस परिस्थिति का आकलन करने पर बात स्पष्ट है कि हमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पौधे अधिक लगाने चाहिए। अब वट सावित्री व्रत पर मैने भी अपने साथियों से कहा कि इस बार आक्सीजन की कमी को दूर करने लिए वट का पौधा लगाएं।

संध्या जोशी (कथक नृत्यांगना) का कहना है कि पेड़ पौधे हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं। कोरोना की महामारी में हम अस्पतालों में भर्ती अपनों के लिए आक्सीजन को मारे मारे फिरे, क्योंकि लोग बेइंतहा पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। कुछ लोग विशेष दिवस पर पेड़ लगाते भी हैं लेकिन उनकी देखभाल करना भूल जाते हैं। मैंने बीते माह से दस पौधे रोपे हैं और उनकी देखभाल करने का संकल्प लिया है। 10 जून को वट सावित्री व्रत पर भी पौधे लगाऊंगी।

संध्या शर्मा (भजन गायिका) का कहना है कि वेदों में जितने भी पेड़ों का जिक्र किया है, उसमें वट और पीपल श्रेष्ठ बताए गए हैं। पूजा ही नहीं पर्यावरण के लिहाज से भी इनका संरक्षण करना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए इस व्रत पर मैने अपने घर में आक्सीजन देने वाले कई प्लांट लगाने का संकल्प लिया है। साथ ही अन्य महिलाओं से भी अपील की है वह व्रत वाले दिन एक-एक वट का पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लें। ताकि अगले एक दो साल में उसकी पूजा हो।

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