बाबा बालक नाथ के झंडे का विधिवत आरोहण, इनको प्राप्त हुआ झंडा चढ़ाने का सौभाग्य

प्राचीन गौतम कुंड मंदिर में विधि-विधान के साथ बाबा बालक नाथ के झंडे का आरोहण किया गया। इस मौके पर बाबा बालक नाथ की पूजा-अर्चना भी की गई।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 02:54 PM (IST) Updated:Mon, 16 Mar 2020 02:54 PM (IST)
बाबा बालक नाथ के झंडे का विधिवत आरोहण, इनको प्राप्त हुआ झंडा चढ़ाने का सौभाग्य
बाबा बालक नाथ के झंडे का विधिवत आरोहण, इनको प्राप्त हुआ झंडा चढ़ाने का सौभाग्य

देहरादून, जेएनएन। श्री गंगा उद्धार सेवा समिति के तत्वावधान में प्राचीन गौतम कुंड मंदिर में विधि-विधान के साथ बाबा बालक नाथ के झंडे का आरोहण किया गया। इस मौके पर बाबा बालक नाथ की पूजा-अर्चना भी की गई। 

चंद्रबनी स्थित प्राचीन गौतम कुंड मंदिर में रविवार को बाबा बालकनाथ की जयंती श्रद्धाभाव से मनाई गई। इस दौरान भजन-कीर्तन के माध्यम से बाबा बालक नाथ की आराधना की गई। महंत हेमराज महाराज के सानिध्य में बाबा बालक नाथ की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। इस बार बाबा का झंडा चढ़ाने का सौभाग्य श्रद्धालु अजय सिकरी को प्राप्त हुआ। दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब बाबा बालक नाथ का झंडा आरोहण किया गया और पूरा मंदिर परिसर बाबा के जयकारों से गूंज उठा।

बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए महापौर सुनील उनियाल गामा का समिति पदाधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। महापौर ने भी बाबा बालक नाथ की अर्चना की और श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। महंत हेमराज ने बताया कि हर साल चैत्र मास में बाबा बालक नाथ की जयंती पर मंदिर परिसर में झंडा आरोहण किया जाता है। साथ ही मंदिर में विशाल भंडारा भी आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर पार्षद सुखबीर बुटोला, राजेश परमार, पूर्व ब्लॉक प्रमुख विपिन कुमार, संजीव कुमार शर्मा, रविंद्र कुमार, माधुरी थापा, नीतू गुरुंग, विनय थापा, प्रमिला तामांग, मनोज तामांग, अनिल, श्याम राना, कल्पना गुरुंग आदि मौजूद रहे। 

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13 अप्रैल से लगेगा बैसाखी मेला 

मंदिर में बैसाखी मेले को लेकर भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंदिर समिति की मीडिया प्रभारी पूजा सुब्बा ने बताया कि मंदिर परिसर में 13 अप्रैल से 16 अप्रैल तक बैसाखी मेले का आयोजन किया जाएगा। मान्यता के अनुसार प्राचीन गौतम कुंड मंदिर में 13 अप्रैल को महर्षि गौतम ऋषि की ओर से अपनी तपस्या से मां गंगा का अवतरण किया गया था। इसी उपलक्ष्य में यहां हर साल मेले का आयोजन किया जाता है। 

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