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coronavirus effact एक माह तक चलने वाला झंडा मेला तीन दिन में हुआ संपन्न

दून का ऐतिहासिक झंडेजी मेला इस बार तीन दिन में ही संपन्न हो गया। कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन से मिले आदेश के बाद आयोजन समिति को मेला बंद करना पड़ा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 01:42 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 08:23 PM (IST)
coronavirus effact एक माह तक चलने वाला झंडा मेला तीन दिन में हुआ संपन्न

देहरादून, जेएनएन। एक माह तक चलने वाला दून का ऐतिहासिक झंडेजी मेला इस बार तीन दिन में ही संपन्न हो गया। कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन से मिले आदेश के बाद आयोजन समिति को मेला बंद करना पड़ा। रविवार को देर शाम प्रशासन के साथ बैठक के बाद समिति ने दरबार साहिब परिसर के बाहर लगने वाली दुकानों व मेले संबंधित आयोजन बंद करने के निर्देश जारी कर दिए।

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दून की पहचान से जुड़ा झंडेजी मेला दरबार साहिब में हर वर्ष होली के बाद लगता है। पखवाड़े भर चली तैयारियों के बाद गत 13 मार्च को मेला शुरू हुआ था। जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल समेत प्रदेश के विभिन्न राज्यों से संगतें शामिल होने के लिए दून पहुंची थीं। हर बार झंडेजी का मेला धीरे-धीरे परवान चढ़ता है और रामनवमी पर संपन्न होता है। हालांकि, अधिकांश दुकानदार मेला संपन्न होने की तिथि के एक सप्ताह बाद तक दुकानें संचालित करते थे। इस बार मेला दो अप्रैल को संपन्न होना था। लेकिन, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर रविवार को तीसरे दिन ही आयोजन समिति ने मेला संपन्न होने की घोषणा कर दी।  दरबार साहिब के प्रबंधक एवं मेला व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि  धार्मिक और आस्था से जुड़ी जरूरी गतिविधियों को पूरा कर मेला संपन्न करने की घोषणा कर दी है।

दुकानें लगाई नहीं, जाना पड़ रहा वापस

इस निर्णय से सबसे ज्यादा परेशान वो दुकानदार हैं, जो एक साल से झंडा मेले की तैयारियां कर रहे थे। मेले में देहरादून के अलावा उत्तर प्रदेश और पंजाब से दुकानदार आते हैं। इस बार भी इन राज्यों से तमाम दुकानदार आए थे। अधिकांश दुकानें शनिवार को सज चुकी थीं, जबकि कई दुकानदार रविवार को दुकान लगाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन, मेला संपन्न होने के निर्देश के बाद इन दुकानदारों मायूस वापस लौटना पड़ रहा है। 

खरीदार भी मायूस

यह पहली बार है, जब झंडेजी का मेला इतनी जल्दी संपन्न होने की घोषणा कर दी गई। झंडेजी मेला में खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा भीड़ महिलाओं की होती है। तमाम महिलाएं घरेलू सामान की खरीदारी के लिए इस मेले का इंतजार करती हैं। इस बार उन्हें भी मायूस होना पड़ेगा। 

झंडेजी का आरोहण मातावाला बाग में!

श्री झंडा मेला आयोजन समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों व संगतों की रविवार को बैठक हुई। जिसमें कहा गया कि संगतों की बढ़ती संख्या व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दरबार साहिब स्थित झंडाजी का परिसर कम पड़ता है। प्रस्ताव रखा गया कि सुरक्षा और जन सामान्य की सुविधा को देखते हुए वर्ष 2021 में झंडाजी का आरोहण कार्यक्रम मातावाला बाग में कराया जाए। हालांकि, इस बारे में एकराय नहीं बन पाई। दरबार साहिब के प्रबंधक केसी जुयाल ने बताया कि धार्मिक और आधात्मिक पक्ष का पूर्ण अध्ययन व अवलोकन करने के बाद ही स्थल के बदलाव में कोई निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि, मातावाला बाग में सीधा व समतल मैदान होने के कारण झंडेजी के आरोहण को लाखों संगतें आसानी से देख सकेंगी। कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह स्थान काफी सुरक्षित है।

कोरोना के प्रति करें जागरूक

दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने कहा कि नगर परिक्रमा में दूनवासियों ने अतिथि देवो भव के भाव को चरितार्थ किया। उन्होंने झंडेजी के मेले के सफल आयोजन और गुरु संगत को दिए गए स्नेह व सम्मान के प्रति दूनवासियों का आभार जताया। साथ ही कहा कि कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए लोग केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी का अनुपालन करें। साथ ही दूसरों को भी जागरूक करें।

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पंचमी तिथि के बारे में अफवाह गलत

दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने बताया कि राज पुरोहितों व विशेषज्ञ आचार्यों ने शास्त्रों व पंचांग का अध्ययन करने के बाद इस वर्ष के लिए झंडाजी के आरोहण की तिथि 13 मार्च घोषित की थी। शास्त्रों के अनुसार तिथियां, त्योहार-पर्व आगे पीछे होते रहते हैं। कभी होली चैत्रवदी पंचमी से तीन दिन पहले और कभी चार व पांच दिन पहले पड़ती है। उन्होंने 13 मार्च की तिथि को शास्त्रों व पंचांग के अनुरूप सही बताया। 

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