सतर्कता बरतने से कम होंगी दुर्घटनाएं

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा विभाग की ओर से वल्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Oct 2018 03:01 AM (IST) Updated:Thu, 18 Oct 2018 03:01 AM (IST)
सतर्कता बरतने से कम होंगी दुर्घटनाएं
सतर्कता बरतने से कम होंगी दुर्घटनाएं

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा विभाग की ओर से व‌र्ल्ड ट्रामा डे के अवसर पर विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। वक्ताओं ने बढ़ रहे सड़क हादसों का पर ¨चता जताते हुए इसके लिए लापरवाही को बड़ा कारण बताया।

एम्स में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि जीवन अमूल्य है, लिहाजा इसके संरक्षण के साथ ही जीवन में कुछ अलग कर गुजरने का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संस्थान के विकास में भूमि व धन की कमी आड़े नहीं दी जाएगी। एम्स निदेशक पद्मश्री डॉ. रविकांत ने लापरवाही के चलते लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर ¨चता जताई। उन्होंने कहा कि अधिकांश दुर्घटनाएं हमारी अपनी लापरवाही से हो रही हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपने कार्यों को संपादित करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतें। उन्होंने संस्थान में रोगियों की लगातार बढ़ती आमद के मद्देनजर एक हजार अतिरिक्त बेड की जरूरत बताई। इस मौके पर दिल्ली एम्स की ट्रामा सर्जरी विभाग की हेड प्रो. सुषमा सागर, डॉ. मधुर उनियाल, संस्थान के ट्रामा सर्जरी विभाग के प्रो.कमर अजाम, डॉ. अजय कुमार, डॉ.भास्कर सरकार, सुरेखा किशोर, प्रो. बृजेन्द्र ¨सह, प्रो.शोभा अरोरा, प्रो.जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ब्रह्म प्रकाश आदि मौजूद थे।

नुक्कड़ नाटक कर किया जागरूक

व‌र्ल्ड ट्रामा-डे पर एम्स के मेडिकल व नर्सिंग छात्रों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने सड़क सुरक्षा, कार्य स्थल व गृह सुरक्षा के मद्देनजर ट्रामा रन का आयोजन किया गया। वहीं, ट्रामा सर्जरी विभाग के डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि व‌र्ल्ड ट्रामा डे के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के तहत मेडिकल व नर्सिंग के छात्र-छात्राओं के दो ग्रुपों ने संस्थान परिसर में ओपीडी ब्लॉक, ट्रामा सेंटर आदि आठ सार्वजनिक स्थलों पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर रोगियों व उनके तीमारदारों को ट्रामा व एक्सीडेंट के लगातार बढ़ते मामलों के प्रति जागरूक किया।

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