इस छात्र ने बनाई बम डिटेक्टर डिवाइस, नाइजीरिया के लिए बना वरदान

दून के छात्र अभिलाष सेमवाल की बम डिटेक्टर डिवाइस की मदद से नाइजीरिया में अब तक एक दर्जन से अधिक बमों को फटने से पहले ही पकड़ा गया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 04 Mar 2019 09:52 AM (IST) Updated:Mon, 04 Mar 2019 08:21 PM (IST)
इस छात्र ने बनाई बम डिटेक्टर डिवाइस, नाइजीरिया के लिए बना वरदान
इस छात्र ने बनाई बम डिटेक्टर डिवाइस, नाइजीरिया के लिए बना वरदान

देहरादून, सुमन सेमवाल। दून के छात्र अभिलाष सेमवाल की बम डिटेक्टर डिवाइस नाइजीरिया के लिए वरदान साबित हो रही है। इस डिवाइस की मदद से नाइजीरिया में अब तक एक दर्जन से अधिक बमों को फटने से पहले ही पकड़ा गया। इसके चलते कई लोगों की जान बचाने का दावा नाइजीरिया सरकार ने किया। बमों को ट्रैक करने की डिवाइस बनाने पर रविवार को हरियाणा में एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने अभिलाष को ग्लोबल आइकन यूथ अवार्ड से सम्मानित किया। खास बात भी कि अभिलाष ने पुरस्कार में मिली एक लाख रुपये की राशि को पुलवामा हमले में शहीद हुए जांबाजों के परिजनों की सहायता के लिए दान कर दिया।

मूल रूप से चमोली जिले के निवासी अभिलाष देहरादून स्थित ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में एमटेक (कंप्यूटर साइंस) के फाइनल इयर के छात्र हैं। उन्होंने यह डिवाइस वर्ष 2014 में बनाई थी और इसके विकास के लिए उत्तराखंड सरकार ने पांच लाख रुपये दिए थे। इसके बाद जब पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ डिवाइस का निर्माण किया गया। अभिलाष बताते हैं कि दो साल पहले दिल्ली में आयोजित ऑल इंडिया अचीवर्स कांन्फ्रेंस में नाइजीरिया के रक्षा मंत्रालय के एक अफसर से उनकी मुलाकात हुई। तब नाइजीरिया में आतंकी गतिविधियों का जिक्र उन्होंने बातचीत में किया था। वह बताते हैं कि पिछले साल उन्होंने आठ डिवाइस नाइजीरिया सरकार को निश्शुल्क उपलब्ध कराई थी। अभिलाष का दावा है कि नाइजीरिया सरकार ने उन्हें बताया कि इस अवधि में उनकी डिवाइस ने एक दर्जन से अधिक बमों को फटने से पहले ही खोज निकाला गया, जिस पर वहां की सरकार ने उनका आभार भी व्यक्त किया।

इस तरह काम करती है डिवाइस

बम डिटेक्टर डिवाइस किसी भी स्थान पर छिपाकर लगाई जा सकती है। यदि इसके पास कहीं बम लगाए गए हैं तो इसके सेंसर बम से निकले वाली हीलियम, पोटेशियम नाइट्रेट जैसी गैसों के साथ ही एचएमवीएम व टीएनटी आदि की पहचान कर लेती है। इस पर लगे जीपीएस से संबंधित स्थान की लोकेशन की जानकारी इससे जुड़े कंट्रोल रूम व मोबाइल पर प्राप्त हो जाती है।

मेक इन इंडिया में विकास की तैयारी

अभिलाष सेमवाल ने बताया कि वह मेक इन इंडिया के तहत और बेहतर डिवाइस का निर्माण करने की तैयारी कर रहे हैं। ताकि, इसका व्यापक स्तर पर प्रयोग करके आतंकियों के मंसूबों को नाकामयाब किया जा सके।

पुलिस के लिए तैयार की एप

अभिलाष ने उत्तराखंड पुलिस के लिए एक एप्लीकेशन तैयार की है, जिसमें कोई भी व्यक्ति आपातकाल के समय अपने वीडियो, लोकेशन व अन्य तरह की सूचनाएं भेज सकता है। इसे जल्द लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है।

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