सरकारी राशन की 40 दुकानें रहीं बंद, भटके उपभोक्ता, 10 हजार से ज्यादा राशन कार्ड धारक परेशान

देहरादून में सरकारी राशन की 400 के करीब दुकानें हैैं। इन दुकानों के विक्रेता लंबे समय से राशन वितरण में इंटरनेट पर हो रहे खर्च का भुगतान करने शत-प्रतिशत बायोमैट्रिक के लिए अलग से 1500 रुपये का भुगतान करने और समय पर लाभांश देने की मांग कर रहे हैैं।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 04 Jul 2022 06:57 AM (IST) Updated:Mon, 04 Jul 2022 06:57 AM (IST)
सरकारी राशन की 40 दुकानें रहीं बंद, भटके उपभोक्ता, 10 हजार से ज्यादा राशन कार्ड धारक परेशान
जिला पूर्ति कार्यालय में हुए हंगामे के बाद रविवार को करीब 40 विक्रेताओं ने विरोध स्वरूप अपनी दुकानें बंद रखी।

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून में जिला पूर्ति कार्यालय और सरकारी राशन विक्रेताओं के बीच विवाद का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। शनिवार को जिला पूर्ति कार्यालय में हुए हंगामे के बाद रविवार को शहर में करीब 40 विक्रेताओं ने विरोध स्वरूप अपनी दुकानें बंद रखी। इससे उपभोक्ताओं को बैरंग लौटना पड़ा। विक्रेता अपनी मांगें पूरी होने के बाद ही दुकान खोलने पर अड़े हैं।

वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। अगर विक्रेता दुकान नहीं खोलते हैं, तो उनके कार्ड दूसरी दुकान से संबद्ध कर दिए जाएंगे।

देहरादून में सरकारी राशन की 400 के करीब दुकानें हैैं। इन दुकानों के विक्रेता लंबे समय से राशन वितरण में इंटरनेट पर हो रहे खर्च का भुगतान करने, शत-प्रतिशत बायोमैट्रिक के लिए अलग से 1500 रुपये का भुगतान करने और समय पर लाभांश देने की मांग कर रहे हैैं। इन मांगों के पूरा नहीं होने से नाराज करीब 200 विक्रेता शनिवार को राशन विक्रेता एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता के नेतृत्व जिला पूर्ति कार्यालय पहुंचे और दुकान सरेंडर करने की बात कहते हुए दुकानों की चाबी, लैपटाप, राशन पंजीकरण के रजिस्टर जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) के कक्ष में उनकी मेज पर रख दिए थे।

उस समय डीएसओ कार्यालय में मौजूद नहीं थे। इसके बाद विक्रेता नारेबाजी और धरना-प्रदर्शन करने लगे। कार्यालय में मौजूद जिला पूर्ति निरीक्षकों ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो विवाद बढ़ गया। बात हाथापाई तक पहुंच गई। यह जानकारी मिलने पर डीएसओ ने कार्यालय पहुंचकर विक्रेताओं को शांत कराने की कोशिश की तो आक्रोशित विक्रेताओं ने उनके साथ धक्का-मुक्की कर दी।

इससे माहौल और गर्म हो गया। विक्रेताओं ने मांगें पूरी नहीं होने पर प्रदेशभर में आंदोलन की चेतावनी दी तो जिला पूर्ति कार्यालय की ओर से शहर कोतवाली में विक्रेताओं के विरुद्ध सरकारी कार्य में बाधा डालने और दस्तावेजों की प्रति फाडऩे के आरोप में तहरीर दी गई।

इस घटनाक्रम के विरोध में अगले दिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 10 प्रतिशत दुकानें नहीं खोली गईं। इन दुकानों से 10 हजार से ज्यादा राशन कार्ड धारक संबद्ध हैैं। पूर्व में इसकी कोई सूचना नहीं होने के कारण ये उपभोक्ता दिनभर दुकानों की दौड़ लगाते रहे, मगर खाली थैले के साथ उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। इससे उपभोक्ताओं में आक्रोश भी देखा गया।

यहां बंद रहीं दुकानें

खुड़बुड़ा मोहल्ला, राजा रोड, बंजारावाला, रेसकोर्स, गढ़ी कैंट, पटेल नगर, डालनवाला, प्रेमनगर

उपभोक्ता बोले

कर्मचारियों और राशन विक्रेताओं के बीच हुए विवाद का पता नहीं चला। सुबह राशन लेने के लिए दुकान पहुंचे, तो वहां ताला लटका मिला।

-जयंती जोशी, रेसकोर्स

राशन की दुकान कब खुलेगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। विभागीय अधिकारियों को उपभोक्ताओं की समस्या पर गंभीरता से निर्णय लेना चाहिए।

-शुकंतला गुसाईं, अजबपुर खुर्द

अधिकारियों और विक्रेताओं के आपसी विवाद में उपभोक्ताओं का उत्पीडऩ किया जा रहा है। इस समस्या का समाधान शीघ्र किया जाना चाहिए।

-सीपी शर्मा, बंजारावाला

जब तक लंबित मांगों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक दुकानें नहीं खोली जाएंगी। इस संबंध में खाद्य मंत्री रेखा आर्या से भी वार्ता की जाएगी।

-जितेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष, राशन विक्रेता एसोसिएशन

जो विक्रेता राशन वितरण करने के इच्छुक नहीं हैं, उनके उपभोक्ताओं के राशन कार्ड दूसरी दुकान में संबद्ध किए जाएंगे। जहां तक राशन विक्रेताओं की लंबित मांगों की बात है तो उन्हें मुख्यालय और शासन स्तर पर रखा जाएगा।

-विपिन कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी, देहरादून

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