लीड ब्यूरो--इस तरह 'जलेबी' बनते हैं मुखिया के आदेश

राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शायद ठीक ही कहा था कि 'मेरे आदेश तो जलेबी की तरह घू

By Edited By: Publish:Mon, 02 Mar 2015 01:01 AM (IST) Updated:Mon, 02 Mar 2015 01:01 AM (IST)
लीड ब्यूरो--इस तरह 'जलेबी' बनते हैं मुखिया के आदेश

राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शायद ठीक ही कहा था कि 'मेरे आदेश तो जलेबी की तरह घूम रहे हैं..।' बीते 28 दिसंबर को पूर्व सैनिक एवं अ‌र्द्ध सैनिक संगठन के सम्मेलन में मुख्यमंत्री के दिल का यह दर्द यूं ही जुबां पर नहीं आया था। अपर सचिव विनोद चंद्र रावत को विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार) बनाते हुए एक वर्ष सेवा विस्तार देने के मामले में भी मुख्यमंत्री के आदेश ठीक इसी तरह जलेबी की तरह घूम रहे हैं। हालत यह है कि करीब एक महीने बाद मुख्यमंत्री को इस मामले में दोबारा निर्देश जारी करने पड़े हैं।

राज्य सरकार के मंत्री व विधायक अक्सर नौकरशाहों की मनमानी पर अपनी नाराजगी मुख्यमंत्री हरीश रावत के समक्ष उठाते रहे हैं, मगर लगता है अब सूबे के मुखिया के निर्देशों को भी ब्यूरोक्रेसी जलेबी की तरह गोल-गोल घुमाने लगी है। 28 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने जो दर्द अपनी जुबां से व्यक्त किया था, अपर सचिव विनोद चंद्र रावत का प्रकरण भी उसकी ही एक बानगी है। दरअसल, राज्य सरकार ने वरिष्ठ पीसीएस विनोद चंद्र रावत को विशेष सचिव के पद पर नियुक्त करने का निर्णय किया था।

इस मामले में मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद मुख्य सचिव एन रविशंकर ने खुद बीती 17 जनवरी को सचिव कार्मिक को विनोद चंद्र रावत को विशेष सचिव पद पर नियुक्ति के संबंध में शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए, मगर उन्हें आयुक्त/ सचिव राजस्व का ही दायित्व दिया गया। दो फरवरी को हुए इस आदेश के बाद भी उन्हें विशेष सचिव का पद देने के मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं हो पाया। लिहाजा, श्री रावत ने उक्त दायित्वों पर ज्वाइनिंग नहीं ली। करीब एक महीने बाद यह फाइल फिर से गोल-गोल घूमकर मुख्यमंत्री दरबार में पहुंची।

नतीजा यह कि मुख्यमंत्री हरीश रावत को एक बार फिर से अपर सचिव विनोद चंद्र रावत को विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार) के पद पर नियुक्त करते हुए उन्हें सचिवालय प्रशासन अधिष्ठान संबंधी समस्त कार्यो का दायित्व प्रदान करने के निर्देश जारी करने पड़े हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें एक वर्ष के सेवा विस्तार दिए जाने की अनुमति भी प्रदान की है। हालांकि, मुख्यमंत्री के इन निर्देशों का अब तक अनुपालन नहीं हुआ है। साथ ही, अब इस मामले में एक बार फिर से मुख्यमंत्री से वार्ता की तैयारी चल रही है।

इनसेट..

'मुख्यमंत्री जी ने वार्ता के दौरान अपर सचिव विनोद चंद्र रावत को विशेष सचिव के पद पर नियुक्त करने के निर्देश दिए थे। इस बाबत सचिव कार्मिक को कार्यवाही के निर्देश दिए गए, मगर राज्य शासन में विशेष सचिव पदनाम से वर्तमान में कोई पद नहीं है। श्री रावत को सचिव राजस्व का दायित्व दिया गया है।'

-एन. रविशंकर, मुख्य सचिव, उत्तराखंड

'अपर सचिव विनोद चंद्र रावत को विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार) सचिवालय प्रशासन का दायित्व देते हुए एक वर्ष का सेवा विस्तार देने के निर्देश स्पष्ट नहीं हैं। इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी से दोबारा वार्ता प्रस्तावित है।'

-राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव, कार्मिक

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