एसीपी घोटाले में रोडवेज के 11 अफसरों पर गिरी गाज
रोडवेज में छह साल पहले एसीपी (एश्योर्ड कैरियर प्रमोशन) घोटाले में अधिकारियों के विरुद्ध चल रही जांच की फाइल ऑडिट विभाग ने तलाश ली।
देहरादून, जेएनएन। रोडवेज में छह साल पहले एसीपी (एश्योर्ड कैरियर प्रमोशन) घोटाले में अधिकारियों के विरुद्ध चल रही जांच की फाइल ऑडिट विभाग ने तलाश ली। अधिकारियों की फाइल रोडवेज मुख्यालय छह साल से दबाए बैठा था और निचले स्तर के कर्मचारियों से रिकवरी चल रही थी। अब अधिकारियों की फाइल खुली तो पहले चरण में 11 अधिकारियों को दोषी पाया गया। इन अधिकारियों के वेतन से हर माह दस-दस हजार रुपये की कटौती करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा गलत एसीपी के चलते मिला प्रोन्नत वेतनमान भी वापस करने के आदेश दिए गए हैं।
गलत एसीपी पाने वाले इन अधिकारियों में उप महाप्रबंधक, मंडलीय प्रबंधक, डिपो के सहायक महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इनमें से एक की मृत्यु हो चुकी है, जबकि दो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। गलत एसीपी का मामला वर्ष 2014 में प्रकाश में आया था। दरअसल, शासन के आदेश पर समस्त विभागों में नवंबर-2013 में एसीपी दी गई थी। रोडवेज में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने एसीपी देने के लिए गठित की गई टीम से सांठगांठ गलत एसीपी का लाभ ले लिया। मामला उसी दौरान पकड़ में आ गया था, लेकिन मुख्यालय स्तर पर मामला दबा दिया गया। नवंबर-2018 में ऑडिट के दौरान यह मामला फिर उछला और प्रबंध निदेशक ने रिकवरी के आदेश दिए, लेकिन इसमें 'खेल ' हो गया। अधिकारियों से जुड़ी फाइल दबा दी गई और कर्मचारियों से जुड़े मामले में रिकवरी शुरू कर दी गई। पिछले दिनों परिवहन सचिव शैलेश बगोली ने जब मई के वेतन के लिए 15 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दी थी तो शर्त रखी गई थी कि एसीपी घोटाले का स्पेशल ऑडिट करा रिपोर्ट सौंपी जाए।
तब यह स्पेशल ऑडिट शुरू हुआ और अधिकारियों से जुड़ी फाइल बाहर निकली। वित्त नियंत्रक विक्रम सिंह जंतवाल की ओर से आदेश दिए गए हैं कि गलत एसीपी पाने वाले अधिकारियों के जून के वेतन से उनके सेवानिवृत्त होने तक दस-दस हजार रुपये की कटौती हर महीने की जाए। सेवानिवृत्ति के वक्त प्रमाण पत्र उसी सूरत में दिया जाए जब संपूर्ण रिकवरी हो जाए। इतना ही नहीं प्रोन्नत वेतनमान वापस लेकर पूर्व वेतनमान पर भेजने के आदेश दिए गए। इनका वेतन अब दिसंबर-2018 की स्थिति के आधार पर संशोधित किया जाएगा।
कर्मचारी भटक रहे, अफसर डकार गए एरियर
रोडवेज में कर्मचारी अपने एसीपी के एरियर, ग्रेच्युटी, नकदीकरण के लिए 2015 से भटक रहे हैं, जबकि अधिकारियों को इस दौरान लाखों रुपये का एरियर भी दे दिया गया। स्थिति यह है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बच्चों की पढ़ाई या शादी तक के लिए भुगतान नहीं हो पाया, लेकिन अधिकारियों के लिए ये सभी नियम ताक पर रख दिए गए।
मृतक व सेवानिवृत्त अफसरों के लंबित भुगतान से होगी रिकवरी
जांच में आइएसबीटी दिल्ली के तत्कालीन प्रभारी एजीएम दीपक मेहरा, भवाली के तत्कालीन प्रभारी एजीएम अमरनाथ व टनकपुर के तत्कालीन प्रभारी एजीएम मो. नसीर के विरुद्ध भी रिकवरी के आदेश दिए गए हैं। इनमें दीपक मेहरा की मृत्यु हो चुकी है, जबकि अमरनाथ व मो. नसीर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मुख्यालय ने आदेश दिए हैं कि इनके लंबित भुगतान से रिकवरी की जाए। इनका नकदीकरण वर्ष 2015 से लंबित है।
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वेतन में भी चल रहा घपला
रोडवेज के हर डिपो में अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में भी बड़ा घपला चल रहा है। सूत्रों की मानें तो स्पेशल ऑडिट में ग्रामीण डिपो के लगभग दस कर्मचारियों के वेतन में गड़बड़ी पकड़ी गई है। अन्य डिपो के ऑडिट में भी गड़बड़ी मिली है। इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही।
इन अधिकारियों से होगी रिकवरी संजय गुप्ता, डीजीएम (कार्मिक) मुख्यालय यशपाल सिंह, आरएम (संचालन) काठगोदाम केपी सिंह, एजीएम मुख्यालय पीके भारती, एजीएम ऋषिकेश केएस रावत, एजीएम (तकनीकी) देहरादून टीकाराम, एजीएम कोटद्वार सुरेश सिंह चौहान, एजीएम काठगोदाम देशराज सिंह, प्रभारी एजीएम रानीखेत दीपक मेहरा, प्रभारी एजीएम (मृतक) आइएसबीटी दिल्ली अमरनाथ, प्रभारी एजीएम (सेवानिवृत्त) भवाली मो. नसीर, एजीएम (सेवानिवृत्त) टनकपुर