जानलेवा साबित हो रहा है हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग, 15 दिन के भीतर ही गई दो युवकों की जान
हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग चौड़ीकरण का बेतरतीब काम जनता की जान पर भारी पड़ रहा है। मियांवाला से लेकर लच्छीवाला के बीच का करीब पांच किलोमीटर भाग डेंजर जोन में तब्दील हो गया है।
देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग चौड़ीकरण का बेतरतीब काम जनता की जान पर भारी पड़ रहा है। मियांवाला से लेकर लच्छीवाला के बीच का करीब पांच किलोमीटर भाग डेंजर जोन में तब्दील हो गया है। बीते 15 दिन के भीतर ही यहां दो युवकों की जान चली गई। इस भाग पर आए दिन हो रहे हादसों की वजह यह है कि ऊबड़खाबड़ सड़क के साथ यहां कभी भी वाहनों का आवागमन एक ही लेन में करा दिया जाता है। रात के समय स्थिति इसलिए भी खतरनाक हो जाती है कि कि अधिकांश हिस्से पर स्ट्रीट लाइट तक नहीं लगी हैं।
राजमार्ग की बदहाली की कहानी की शुरुआत मियांवाला चौक से करते हैं। यहां पर करीब डेढ़ साल पहले अंडरपास का निर्माण शुरू किया गया था। ताकि राजमार्ग के वाहन ऊपर से गुजर सकें और स्थानीय वाहन अंडरपास की सर्विस लेन से आराम से पार हो सकें। अंडरपास का निर्माण फरवरी 2020 में पूरा कर दिया जाना चाहिए था, जबकि यह काम अब भी अधूरा है। इसके चलते करीब एक किलोमीटर हिस्से पर सड़क बदहाल हो रखी है। अंडरपास की सर्विस लेन की हालत भी खस्ता है। इससे थोड़ा आगे बढ़ें तो लक्ष्मण सिद्ध मंदिर के पास भी वाहनों को जब-तब एक ही लेन से गुजार दिया जाता है। यह हिस्सा भी डेंजर जोन में तब्दील हो गया है। ऐसा ही हाल लच्छीवाला से थोड़ा पहले मणिमाई मंदिर के पास का है। इस भाग पर भी वाहनों को एक ही लेन से गुजारा जा रहा है।
मृतक युवक के स्वजनों से मिलने गए सीएम ने देखा हाल
मणिमाई मंदिर के पास एक ही लेन में वाहनों के आवागमन के चलते एक सितंबर की रात को तेज रफ्तार ट्रक ने एक कार को सामने से टक्कर मार दी थी। इस हादसे में जीएमवीएन बोर्ड की निदेशक पुष्पा बड़थ्वाल के पुत्र मुकुल गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कुछ दिन पहले मुकुल की मौत हो गई। सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मियांवाला स्थित पुष्पा बड़थ्वाल को सांत्वना देने पहुंचे तो उन्होंने सड़क का हाल देखा। राजमार्ग पर आए दिन हो रहे हादसों को लेकर उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क की दशा में जल्द सुधार लाया जाए।
अंडरपास की एप्रोच रोड के लिए नहीं मिल रही मिट्टी
लॉकडाउन के चलते भी राजमार्ग के चौड़ीकरण कार्य पर असर पड़ा है। अंडरपास की एप्रोच रोड बनाने के लिए एनएचएआइ को 40 हजार घन मीटर मिट्टी की जरूरत है, मगर अभी तक सिर्फ 10 हजार घनमीटर मिट्टी ही उपलब्ध हो पाई है। हालांकि, प्राधिकरण अधिकारियों का दावा है कि नवंबर तक सभी कार्य पूरे कर दिए जाएंगे।