18 ग्राम विकास अधिकारियों के भरोसे 313 ग्राम पंचायतें

संवाद सहयोगी चम्पावत जनपद के गांवों का विकास हो तो कैसे हो जब जिले में ग्राम विकास अधि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 11:56 PM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 06:29 AM (IST)
18 ग्राम विकास अधिकारियों के भरोसे 313 ग्राम पंचायतें
18 ग्राम विकास अधिकारियों के भरोसे 313 ग्राम पंचायतें

संवाद सहयोगी, चम्पावत : जनपद के गांवों का विकास हो तो कैसे हो, जब जिले में ग्राम विकास अधिकारी ही नहीं। ग्रामीणों की समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं। जनपद में वीडीओ के 40 पद स्वीकृत हैं। लेकिन 18 पद ही भरे हुए हैं तथा 22 रिक्त हैं। जिस कारण जनपद की 313 ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी 18 ग्राम विकास अधिकारियों पर है। एक-एक वीडीओ चार-चार वीडीओ का कार्य क्षेत्र संभाल रहे हैं। जिससे काम करने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

जनपद में 313 ग्राम पंचायतें हैं, जिनकी देखरेख के लिए ग्राम विकास अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं। जिन पर गांव के विकास का जिम्मा रहता है। जो गांव में विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों पर नजर रखते हैं साथ ही सरकार की योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाते हैं लेकिन यहां जनपद की सभी ग्राम सभाओं को केवल 18 ग्राम विकास अधिकारी देख रहे हैं। पूर्व में 21 पदों पर वीडीओ कार्यरत थे, लेकिन पाटी ब्लॉक से एक वीडीओ के सेवानिवृत्त होने, एक वीडीओ को सितारगंज अटैच करने और एक वीडीओ के जलागम में प्रतिनियुक्त होने के चलते 18 वीडीओ ही कार्यरत हैं तथा 2014 से 20 पद रिक्त पड़े हुए हैं। मानकों के अनुसार एक वीडीओ के पास तीन से पांच ग्राम पंचायतें होनी चाहिए, लेकिन रिक्त पड़े वीडीओ के पदों के कारण औसतन एक वीडीओ को 17 ग्राम पंचायतों का कार्य देखना पड़ रहा है। जिससे उन पर कार्य का अतिरिक्त भार पड़ रहा है और ग्राम विकास अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और आगामी पंचायती चुनाव में अब वीडीओ की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। ===== नहीं हो पा रहे समय से कार्य

वीडीओ पर अतिरिक्त कार्य भार से सरकार द्वारा संचालित योजनाएं सही तरह से क्रियांवित नहीं हो पा रही हैं और ना ही समय से पूरी हो पा रही हैं। ग्राम विकास अधिकारियों को सरकार द्वारा संचालित मनरेगा, प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन आदि का के गरीबी उन्मूलन के कार्यों को क्रियांवित करना होता है। ========

ग्राम विकास अधिकारियों की कमी के कारण योजनाओं के क्रियांवयन में देरी हो रही है। इस संबंध में प्रत्येक माह शासन को रिपोर्ट भेजकर वीडीओ की मांग की जा रही है।

-एचजी भट्ट, परियोजना निदेशक चम्पावत।

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