दूर की कौड़ी साबित हो रही ब्लड स्टोरेज यूनिट

संवाद सहयोगी, चम्पावत : जिला अस्पताल पर बने ब्लड बैंक के चालू होने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं दि

By Edited By: Publish:Wed, 02 Nov 2016 01:01 AM (IST) Updated:Wed, 02 Nov 2016 01:01 AM (IST)
दूर की कौड़ी साबित हो रही ब्लड स्टोरेज यूनिट

संवाद सहयोगी, चम्पावत : जिला अस्पताल पर बने ब्लड बैंक के चालू होने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं दिख रही है। अब जिला मुख्यालय के लोगों के लिए ब्लड स्टोरेज यूनिट भी दूर की कौड़ी साबित हो रही है। जनाक्रोश को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे ने ब्लड स्टोरेज यूनिट खोलने की कवायद तो शुरू की, लेकिन वह परवान नहीं चढ़ सकी। आज भी लोगों को यूनिट के शुरू होने का इंतजार है।

चम्पावत को जिला बने 19 साल हो गए हैं, लेकिन आज तक जिले के किसी भी अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं बन सका है। जिला अस्पताल परिसर में करीब पांच साल पहले लगभग 23 लाख रुपये से ब्लड बैंक का भवन बन कर तैयार हुआ, लेकिन आज तक लाइसेंस न मिल पाने के कारण वह शुरू नहीं हो सका है। यही वजह है कि ब्लड बैंक के लिए स्टॉफ की भी तैनाती नहीं की गई। ब्लड बैंक नहीं होने से रक्त की कमी के चलते अब तक तमाम लोग अपनी जान गवां चुके हैं।

गत जून के पहले सप्ताह में निकटवर्ती पवेत गांव की दीपा पांडेय (30) को प्रसव के दौरान रक्त की कमी के चलते पिथौरागढ़ रेफर कर दिया गया था। जहां पर उसने दम तोड़ दिया था। इसके बाद क्षेत्र के लोगों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने रैली व धरना-प्रदर्शन कर ब्लड बैंक खोलने की मांग उठाई। जनाक्रोश को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे ने विधायक के निर्देश पर चम्पावत जिला अस्पताल में ब्लड बैंक संचालित होने तक ब्लड स्टोरेज यूनिट संचालित करने की कवायद शुरू की। देहरादून से नाको की टीम भी आई। एक डीप फ्रिजर भी चम्पावत लाया गया। जिला अस्पताल में रक्तदान शिविर भी लगाया। लोगों ने बढ़चढ़ कर रक्तदान भी किया, जिसे पिथौरागढ़ से आई टीम अपने साथ ले गई।

तब कहा गया था कि जल्द ही स्टोरेज यूनिट संचालित हो जाएगी, लेकिन साढ़े चार महीने के बाद भी ब्लड स्टोरेज यूनिट का अता-पता नहीं है। इस वजह से चम्पावत जिला अस्पताल में बड़े आपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। चिकित्सक प्रसव के गंभीर मामलों को तत्काल रेफर कर देते हैं। इससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना तो करना पड़ता ही है, आर्थिक नुकसान झेलना होता है। ब्लड स्टोरेज यूनिट को लेकर अब तक ठोस कार्यवाही नहीं होने से अब लोगों के लिए ब्लड स्टोरेज यूनिट दूर की कौड़ी साबित हो रही है। स्वास्थ्य महकमे की ओर से यूनिट को लेकर की गई कवायद भी लोगों को छलावा लग रही है।

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ब्लड स्टोरेज यूनिट के लिए आए 40 लीटर के डीप फ्रिजर को ठीक कराया जा चुका है। 200 लीटर एक फ्रिजर और है, उसे ठीक कराया जाना है। यूनिट संचालित किए जाने दो लैब टेक्नीशियन की जरूरत है। दो पद स्वीकृत भी है, लेकिन लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति न होने की वजह से यूनिट संचालित नहीं हो पा रही है। इसको लेकर शासन से पत्राचार किया जा रहा है।

- डॉ. आरके जोशी, सीएमएस जिला अस्पताल

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