अतिक्रमण हटाने घांघरिया जा रही टीम को ग्रामीणों ने घेरा, टीम लौटी

फूलों की घाटी के प्रमुख पड़ाव जा रही नंदा देवी पार्क कर्मचारियों को ग्रामीणों ने वापस लौटाया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Jun 2020 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 06:20 AM (IST)
अतिक्रमण हटाने घांघरिया जा रही टीम को ग्रामीणों ने घेरा, टीम लौटी
अतिक्रमण हटाने घांघरिया जा रही टीम को ग्रामीणों ने घेरा, टीम लौटी

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संवाद सूत्र, जोशीमठ (चमोली) : फूलों की घाटी के प्रमुख पड़ाव जा रही नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन की टीम को ग्रामीणों ने घेर लिया। टीम वहां पार्क प्रशासन की भूमि पर अतिक्रमण हटाने जा रही थी। ग्रामीणों के विरोध के बाद टीम लौट गई। ग्रामीणों का कहना था कि कोरोना के दौर में वह क्षेत्र से बाहर के लोगों को यहां नहीं आने देंगे। पार्क प्रशासन ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए जोशीमठ कोतवाली में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। तहरीर में वन पंचायत सरपंच समेत 40 लोगों को आरोपित किया गया है।

हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर प्रमुख पड़ाव घांघरिया से फूलों की घाटी पांच किलोमीटर दूर है। यहीं से एक मार्ग फूलों की घाटी और एक मार्ग हेमकुंड साहिब जाता है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप प्रभागीय वनाधिकारी किशन चंद ने बताया कि घांघरिया में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की भूमि पर ग्रामीणों ने कब्जा किया हुआ है। पार्क प्रशासन 49 लोगों को चिह्नित कर चुका है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है। शनिवार को पार्क प्रशासन की दस सदस्यीय टीम कब्जे वाली जमीन की सीलिंग के लिए भेजी गई थी। मार्ग में पुलना और भ्यूंडार के ग्रामीणों ने टीम को घेर लिया। टीम ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने किसी की कोई बात नहीं सुनी। ग्रामीणों का कहना था कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाहरी लोगों को इलाके में नहीं आने दिया जाएगा। ऐसे में दल को आधे रास्ते से ही वापस आना पड़ा। जोशीमठ के कोतवाल जयपाल सिंह नेगी ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। जांच की जा रही है।

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