सभी भाषाओं की जननी है संस्कृत

संवाद सूत्र, गरुड़: राजकीय इंटर कालेज में खंड स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता में

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Sep 2017 05:31 PM (IST) Updated:Sat, 02 Sep 2017 05:31 PM (IST)
सभी भाषाओं की जननी है संस्कृत
सभी भाषाओं की जननी है संस्कृत

संवाद सूत्र, गरुड़: राजकीय इंटर कालेज में खंड स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता में विवेकानंद इंटर कालेज का दबदबा रहा।

ब्लॉक स्तरीय प्रतियागिता के मुख्य अतिथि विद्या भारती के पूर्व प्रदेश निरीक्षक हरी दत्त जोशी ने कहा कि संस्कृत ही सभी भाषाओं की जननी है। यह सबसे प्राचीन भाषा ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की ध्वज वाहक भी है। यह भारत की ही नहीं, विश्व की प्राचीन भाषा है। उन्होंने कहा कि सभी वेद, 18 पुराण व महाकाव्य संस्कृत में ही रचे गए हैं। इसीलिए इसे देववाणी कहा जाता है।

अध्यक्षता करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी जीपी कुनियाल ने कहा कि युवा पीढ़ी में देववाणी के प्रति रुझान लाने और सम्मान दिलाने के उद्देश्य से प्रतिस्पर्धा संबंधी उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की पहल सराहनीय है।

संचालन करते हुए प्रतियोगिता के ब्लॉक प्रभारी मदन मोहन पांडेय और वरिष्ठ प्रवक्ता डीएस पछाई ने कहा कि संस्कृत की बदौलत ही वैदिक काल में विज्ञान आधुनिक युग की तुलना में कहीं आगे था। इस मौके पर संस्कृत भाषा पर आधारित रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इस दौरान आयोजित वरिष्ठ वर्ग की संस्कृत नाटक प्रतियोगिता में खोलिया विवेकानंद इंका प्रथम, समूहगान में राइंका, समूह नृत्य में खोलिया विवेकानंद इंका, वाद-विवाद प्रतियोगिता में खोलिया विवेकानंद इंका के मनोज थायत और सौरभ मिश्रा, आशु भाषण में राइंका के रवि कांडपाल, श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में इंका गागरीगोल की सोनी पांडे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जबकि कनिष्ठ वर्ग के नाटक में राइंका अमस्यारी, समूहगान में जवाहर नवोदय विद्यालय सिमार, संस्कृत नृत्य में राबाइंका पाये, वाद -विवाद में खोलिया विवेकानंद इंका गरुड़ की कोमल खोलिया और मानसी कोरंगा, आशु भाषण में राकइंका पुरड़ा और श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में गुरु राम राय पब्लिक स्कूल ने अव्वल स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को अकादमी की ओर से नकद धनराशि प्रदान की गई।

इस अवसर पर प्रतियोगिता के खंड संयोजक प्रेम मोहन तिवारी, जिला पंचायत सदस्य गोदावरी आर्या, राइंका के प्रधानाचार्य बीआर आर्या, मथुरा दत्त पांडे, शंभूदत्त तिवारी, घनानंद कांडपाल, आरपी आर्या, चंद्रशेखर जोशी, पीटीए अध्यक्ष मोहनदा, मोहन जोशी, डॉ हेम चंद्र दुबे, आनंद ¨सह नेगी, देवेंद्र मेहता, जीडी भट्ट, महीधर प्रसाद भट्ट, दिनेश दोसाद, हेम उपाध्याय, आदि मौजूद थे।

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