ग्रामीणों का तहसील पर प्रदर्शन, नारेबाजी की
संवाद सहयोगी चौखुटिया गांवों में बंदरों के बढ़ते उत्पात के चलते ग्रामीणों का जीना दूभ्
संवाद सहयोगी, चौखुटिया : गांवों में बंदरों के बढ़ते उत्पात के चलते ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है। बंदरों के झुंड ने खेतीबाड़ी तो चौपट कर दी है, लेकिन अब वे आए दिन लोगों पर भी हमला करने लगे हैं। बसभीड़ा क्षेत्र में तो उन्होंने भारी आतंक मचाया है। जो दर्जनभर से अधिक महिलाओं को घायल कर चुके हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने सोमवार को तहसील पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की तथा अपनी व्यथा सुनाई। बाद में बंदरों से निजात दिलाने को लेकर ज्ञापन भी सौंपा।
बसभीड़ा व घुंगोली समेत आसपास के गांवों में कटखने बंदर दर्जनभर से अधिक महिलाओं पर हमला कर चुके हैं। बार-बार गुहार लगाने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल न होने से ग्रामीणों सब्र टूट गया तथा वे दर्जनों की संख्या में तहसील कार्यालय में जा धमके। इस दौरान उन्होंने जोरदार प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। कहा कि बंदरों के बढ़ते आतंक के भय से काश्तकारों ने खेतीबाड़ी, बागवानी व साग-सब्जी का उत्पादन करना ही छोड़ दिया है। अब वे सीधे लोगों पर हमला भी करने लगे हैं। उन्होंने बंदरों के आतंक से निजात दिलाने और घायल महिलाओं को मुआवजा देने की मांग की। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
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बसभीड़ा में महिला को किया लहूलुहान
रविवार सायं करीब छह बजे बसभीड़ा गांव निवासी जैंतुली देवी-65 पत्नी लछी राम को घर के पास ही 3-4 बंदर अचानक झपट गए तथा उन्हें लहूलुहान कर दिया। बताया गया कि बंदरों ने पेड़ से कूदकर महिला पर वार किया। बाद में महिला का स्थानीय क्लीनिक में उपचार किया गया। एक माह के भीतर बसभीड़ा व घुंगोली के आसपास के गांवों में बंदर दर्जन भर से अधिक महिलाओं को घायल कर चुके हैं।
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इन्होंने की धरना प्रदर्शन में भागीदारी
पूर्व जिपंस बाला दत्त तिवारी, पवन तिवारी, धीरज तिवारी, मोहन, भूपेंद्र, हरीश राम, जैंतुली देवी, कमला, भोपाल सिंह, गायत्री देवी, पूजा, बिशना देवी, दीपा, चंपा, गीता, पार्वती देवी, आसुली देवी व आशा समेत अन्य ने भागीदारी की।