आलू ने चौंकाया तो प्याज ने रुलाया

By Edited By: Publish:Sat, 20 Sep 2014 10:52 PM (IST) Updated:Sat, 20 Sep 2014 10:52 PM (IST)
आलू ने चौंकाया तो प्याज ने रुलाया

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : खाद्यान्न के बाद अब सब्जियों के दामों में वृद्धि से आम आदमी की रसोई प्रभावित होने लगी है। हालत यह है सभी सब्जियों में मिलावट के काम आने वाले आलू के दाम में उछाल से सबसे अधिक गरीब व मजदूर वर्ग पर असर पड़ा है। सब्जी को लाजवाब बनाने वाला व सलाद के रूप में बहुतायत प्रयुक्त होने वाला प्याज भी लोगों से दूर होता जा रहा है।

खाद्यान्न, पेट्रोल,डीजल के बाद अब जनता सब्जियों के महंगे दामों से आहत है। सब्जियों और उपभोक्ताओं वस्तुओं पर पड़ रही महंगाई की मार से छुटकारा मिलता नजर नहीं आ रहा है। महंगाई के चलते लोग काफी सोच समझकर सब्जियों के मूल्यों में लगी आग गरीब के पेट की ज्वाला को महंगाई और भड़का रही है। आम आदमी महंगाई से त्रस्त है, वहीं विपक्ष ने भी अभी तक इस मुद्दे पर अभी तक कोई कठोर विरोध दर्ज नहीं कराया है।

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सब्जियों के दामों में तुलनात्मक अंतर

सब्जी सितंबर, 2014 में दाम अगस्त, 2014 में दाम

आलू 40 30

प्याज 30 25

फूल गोभी 40 30

बंद गोभी 20 15

भिंडी 20 15

फै्रंच बीन 40 30

शिमला मिर्च 60 50

गडेरी 40 30

मूली 20 10

बैंगन 20 10

तुरई 40 30

कद्दू 20 10

लौकी 20 10

नोट : (सब्जियों के दाम प्रति किलो की दर से हैं।)

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मूल्य वृद्धि का यह है कारण

अल्मोड़ा : सब्जी विक्रेता चंदन सिंह बिष्ट, पान सिंह बिष्ट, दिनेश कांडपाल, अनिल साह, गोविंद सिंह चुफाल, तारा कांडपाल आदि का कहना है कि इस बार पर्याप्त बारिश नहीं होने व बाहर से सब्जी की आवक कम होने से सब्जियों के दामों में वृद्धि हुई है।

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पर्वतीय क्षेत्रों में घटा सब्जियों का उत्पादन

अल्मोड़ा : एक दौर था जब पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय सब्जियों का उत्पादन काफी मात्रा में होता था। अब बंदर, लंगूर व जंगली सुअरों द्वारा सब्जियों को नुकसान पहुंचाने से काश्तकार भी सब्जियों का कम ही उत्पादन कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी मेहनतकश लोगों की संख्या में भी गिरावट आ गई है। अब वह बाजार पर ज्यादा निर्भर रहने लगे हैं।

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क्या कहना है गृहणियों का

अल्मोड़ा: सब्जियों के दामों वृद्धि से गृहणियां सर्वाधिक प्रभावित हैं। उनका कहना है कि सब्जियों के दामों में वृद्धि ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। गृहणी निर्मला पांडे, गीता भट्ट, कमला जोशी, दिव्या बिष्ट व नेहा बिष्ट, राधिका जोशी, विजया पंत, गीता डालाकोटी, मुन्नी डालाकोटी, लीला नेगी, लीला अधिकारी समेत तमाम महिलाएं सब्जियों के दामों में बढ़ोत्तरी से परेशान हैं। उनका कहना है कि आलू जैसे सब्जी के दाम 40 रुपये प्रति किलो होने से गरीब के लिए आलू खरीदना भी मुश्किल हो गया है।

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