रुपये लेकर सरकारी नौकरी दिलाने वाला रैकेट भी चलाता था राजू!

संवाद सहयोगी, रानीखेत : अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के सरगना अतिकुर्रहमान की गिरफ्तार

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 10:43 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 10:43 PM (IST)
रुपये लेकर सरकारी नौकरी दिलाने वाला रैकेट भी चलाता था राजू!
रुपये लेकर सरकारी नौकरी दिलाने वाला रैकेट भी चलाता था राजू!

संवाद सहयोगी, रानीखेत : अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के सरगना अतिकुर्रहमान की गिरफ्तारी के बाद एसओजी व पुलिस के हत्थे चढ़े गैंग के सदस्य राकेश पाठक उर्फ राजू रुपये लेकर सरकारी नौकरी दिलाने वाला रैकेट भी चलाता था! पुलिस सूत्रों की मानें तो पाठक सेना भर्ती समेत सरकारी विभागों में नौकरी के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूलता था। सूत्र यह भी दावा करते हैं कि उसके सलाखों में जाने के बाद तमाम लोगों की रकम भी फंस गई है। गिरफ्तारी से पूर्व नौकरी न मिलने पर एक व्यक्ति ने बाकायदा रुपया वापस लौटाने के लिए पाठक को कानूनी नोटिस भी भेजा था।

याद रहे बीती 10 सितंबर को पर्यटन नगरी में एसओजी ने कुमाऊं में ऊधम सिंह नगर के बाद दूसरा सबसे बड़े ऑटो लिफ्टर गैंग का खुलासा किया था। सरना गार्डन धोबी मोहल्ला निवासी सरगना अतिकुर्रहमान को दबोच चार लगजरी कार व छह स्कूटी बरामद की गई थी। दिल्ली, हरियाणा व उत्तर प्रदेश नंबर के ये सभी वाहन देश की राजधानी से उड़ा कर नगर में बेचे गए थे।

लगातार दबिश व छापों के बीच एसओजी व कोतवाली पुलिस ने बीती 15 सितंबर को नगर व आसपास के इलाकों में पुख्ता सूचना पर तीसरी दबिश देकर गिरोह के सदस्य राकेश पाठक उर्फ राजू निवासी गनियाद्योली (ताड़ीखेत) को गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर दिल्ली से चोरी छह और स्कूटी बरामद हुई थी।

इधर पाठक के मामले में एसओजी व पुलिस जल्द ही एक और बड़ा खुलासा कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक वाहन चोरी गिरोह में सक्रिय रहा पाठक युवाओं को सेना व सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने वाला रैकेट भी चलाता था।

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कई लोगों से रकम ऐंठ चुका है राजू

सूत्र दावा करते हैं कि जेल भेजा चुका अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का सदस्य राजू पाठक अब तक कई लोगों से रकम ऐंठ चुका। मामला तब भी सुर्खियों में आया था जब कुछ माह पूर्व बगवालीपोखर के एक युवक को नौकरी के नाम पर ढाई लाख रुपये लिए गए थे। सूत्र बताते हैं कि नौकरी न मिलने पर युवक की ओर से रुपये लौटाने का दबाव बनाया गया। रकम वापस न मिलने पर एक अधिवक्ता के जरिये पाठक को कानूनी नोटिस भी भेजा गया था। बताया जाता है कि बड़ी राशि फिर भी नहीं लौटाई गई।

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सामने आए शिकायतकर्ता तो होगा एक और मुकदमा

दरअसल, नौकरी के लालच में रुपये देने वाले तमाम लोग खुल कर सामने नहीं आ रहे। एसओजी व पुलिस गहन जांच में जुटी है। माना जा रहा है कि शिकायत मिलते ही पाठक पर इस मामले में भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।

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'अभी हमारा फोकस अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के पूरे नेटवर्क को खत्म करने पर है। साथ ही अन्य वाहनों की बरामदगी भी हमारा लक्ष्य है। नौकरी दिलाने के नाम पर रैकेट चलाने व रुपये ऐंठने के मामले में शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल जांच तो करेंगे ही।

- नारायण सिंह, कोतवाल'

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