रजनीकांत ने क्रिया योग को बनाया जीवन का आधार, योगदा आश्रम में ली दीक्षा

फेमस एक्टर रजनीकांत अध्यात्म और क्रिया योग को अपने जीवन की सफलता का सबसे बड़ा अंश मानते हैं। उनकी श्रद्धा का केंद्र द्वाराहाट (अल्मोड़ा) का योगदा आश्रम है

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Thu, 16 Nov 2017 07:11 PM (IST) Updated:Fri, 17 Nov 2017 08:39 PM (IST)
रजनीकांत ने क्रिया योग को बनाया जीवन का आधार, योगदा आश्रम में ली दीक्षा
रजनीकांत ने क्रिया योग को बनाया जीवन का आधार, योगदा आश्रम में ली दीक्षा

द्वाराहाट, [जगत सिंह रौतेला]: फिल्म जगत (दक्षिण भारतीय व बॉलीवुड) में अपनी अदाकारी और एक्शन से सबके दिलों में राज करने वाले रजनीकांत रील लाइफ में जैसे दिखते हैं, रीयल लाइफ में उनका अंदाज उतना ही जुदा है। आपको जानकर हैरत होगी कि अध्यात्म व क्रिया योग को अपने जीवन की सफलता का सबसे बड़ा अंश मानने वाले इस नायक की श्रद्धा का केंद्र द्वाराहाट (अल्मोड़ा) का योगदा आश्रम है। वह आश्रम, जिसकी भूमि पर किसी दौर में पश्चिम बंगाल से आए स्वामी परमहंस योगानंद ने अपने गुरु स्वामी युक्तेश्वर गिरी से क्रिया योग की दीक्षा ली थी। स्वामी परमहंस की बायोग्राफी को पढने के बाद फिल्मों के 'बादशाह' रजनीकांत इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने क्रिया योग को जीवन का आधार बना लिया। अब तक दो बार योगदा आश्रम आ चुके रजनीकांत यहां पर स्वामी के अनुयायिायों के लिए करीब 20 लाख की लागत से विशाल भवन बनवा रहे हैं। इस भवन में बौद्धिक सत्र चलेगा तो साथ ही अनुयायियों के ठहरने की भी व्यवस्था होगी। 

योगदा आश्रम द्वाराहाट से दो किलोमीटर दूर शांतिपूर्ण और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर रौतेली क्षेत्र में बना है। इस अलौकिक ध्यान केंद्र की नींव आजादी से पहले स्वामी परमहंस ने रखी थी और बाद में उनके अनुयायियों ने आश्रम को विस्तार दिया। स्वामी के अनुयायियों की फेहरिस्त लंबी है। इस फेहरिस्त में मशहूर अभिनेता रजनीकांत का नाम भी है। योगदा सत्संग संस्था के सदस्य बेंगलूरू निवासी श्रीहरि बताते हैं कि रजनीकांत 1998 में योगानंद की पुस्तक योगी कथामृत (ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी) पढ़कर प्रभावित हुए थे और तभी से उन्होंने परमहंस को अपना गुरु मान लिया। क्रिया योग की शक्ति ही कहेंगे कि वर्ष 2000 में रजनीकांत ने अपने गुरु परमहंस योगानंद पर 'बाबा' फिल्म बनाई। 

श्रीहरि ने बताया कि शुरुआत में फिल्म फ्लॉप होने लगी तो तब रजनीकांत निराश हुए। उन्हें एहसास हुआ कि बाबा के आश्रम से क्रिया योग की दीक्षा लिए बगैर आगे नहीं बढ़ सकते। एक अक्टूबर 2000 को वह दो दिवसीय प्रवास पर योगदा आश्रम पहुंचे। पांडवखोली स्थित गुफा में क्रिया योग की दीक्षा ली और उसके बाद संस्था के विधिवत सदस्य बने। यहां से लौटकर रजनीकांत ने दोबारा मेहनत की और परमहंस पर बनी 'बाबा' फिल्म हिट हो गई। उसी फिल्म को देखने के बाद तमिलनाडु से तमाम लोग परमहंस के अनुयायी बने और योगदा आश्रम से जुड़े। श्रीहरि के अनुसार वर्ष 2005 में भी रजनीकांत यहां पहुंचे और पांडवखोली में ध्यान भी लगाया। 

अगले साल मार्च में आएंगे रजनीकांत 

संस्था के सदस्य व बंगलूरू के प्रतिष्ठित व्यवसायी श्रीहरि ने बताया कि अनुयायियों की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर अभिनेता रजनीकांत ने भवन निर्माण का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने दिल्ली निवासी गुरु भाई दक्षिणा मोती व श्रीधर राव के साथ मिलकर योगदा आश्रम के समीप भवन निर्माण शुरू करवाया। इस भवन को बनवाने में मुख्य भूमिका रजनीकांत की ही है। छह कक्षों वाले भवन का प्रथम तल तैयार हो चुका है। दूसरी मंजिल की तैयारी चल रही है। बीती 10 अक्टूबर को भवन के गृह प्रवेश में रजनीकांत को पहुंचना था, मगर व्यस्तता के कारण नहीं आ सके। अब अभिनेता रजनीकांत अगले वर्ष मार्च में योगदा आश्रम आएंगे। 

जूही चावला 2010 में आई थीं योगदा 

रजनीकांत ही नहीं, परमहंस योगानंद के अनुयायियों की सूची में बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला भी शामिल हैं। जूही 2010 में योगदा आश्रम पहुंची थी। पिछले साल केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी लगातार दो दिन तक यहां प्रवास कर पांडवखोली स्थित गुफा में ध्यान लगाया। यही नहीं कई उद्योगपति, नामी चिकित्सक व इंजीनियर बाबा योगानंद परमहंस के अनुयायी हैं। 

क्या है क्रिया योग 

विष्णुपुराण के अनुसार ज्ञान योग व चित्त की आभा के साथ संयोग तथा इसके साथ बाह्य अर्थ के संयोग को क्रिया योग कहा गया है। 

1979 में बनवाया गया आश्रम 

परमहंस योगानंद (1893-1952) की प्रमुख उत्तराधिकारी दया माता 1962 -63 में द्वाराहाट, फिर पांडवखोली गुफा पहुंची थी। द्वाराहाट के कौला के ग्रामीणों ने अपनी 10 नाली (चार बीघे) भूमि स्वामी की तपोभूमि पर आश्रम बनाने के लिए दान की। इस पर वर्ष 1979 में योगदा आश्रम बनवाया गया। 

इन देशों से भी आते हैं अनुयायी 

यूरोप, अमेरिका, कनाडा, जापान, मलेशिया, इंग्लैंड, रूस, चीन, ईरान, दक्षिण अफ्रीका, जॉर्डन आदि। 

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