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एक बार फिर ओम से गुंजायमान होगी चौरासी कुटी

राजाजी टाइगर रिजर्व चौरासी कुटी को पुन: उसके मूल स्वरूप में लाने जा रहा है। पर्यटक व योग साधक चौरासी कुटी में बनी गुंबदनुमा कुटी में बैठकर योग-ध्यान और साधना भी कर सकेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 23 Aug 2017 01:36 PM (IST)Updated: Wed, 23 Aug 2017 08:41 PM (IST)
एक बार फिर ओम से गुंजायमान होगी चौरासी कुटी

ऋषिकेश, [दुर्गा नौटियाल]: भावातीत ध्यान योग के प्रणेता महर्षि महेश योगी की साधना स्थली रहे शंकराचार्य नगर (चौरासी कुटी) से एक बार फिर ओम से गुंजायमान होगा।  राजाजी टाइगर रिजर्व महर्षि की इस धरोहर को पुन: उसके मूल स्वरूप में लाने जा रहा है। इससे आने वाले समय में पर्यटक व योग साधक चौरासी कुटी पहुंचकर चार दशक पुराने उस दौर की अनुभूति ही नहीं करेंगे, बल्कि यहां योग साधना के लिए बनी गुंबदनुमा कुटी में बैठकर योग-ध्यान और साधना का अभ्यास भी कर सकेंगे। 

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महर्षि महेश योगी ने साठ के दशक में तीर्थनगरी ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम क्षेत्र में शंकराचार्य नगर की स्थापना की थी। योग साधना और ध्यान के लिए इस नगर में चौरासी गुंबदनुमा कुटियों का निर्माण किया गया था। वास्तुकला की अद्भुत कृतियों वाले इस नगर से महर्षि की ख्याति क्या जुड़ी कि तीर्थनगरी देखते ही देखते विदेशी पर्यटक व साधकों के लिए योग की राजधानी बन गई। 

वर्ष 1980 में यह क्षेत्र राजाजी नेशनल पार्क की सीमा में आ गया, लिहाजा 1985 में इसे बंद कर दिया गया। तीन दशक तक बंद रहने और प्रतिबंधित वन क्षेत्र में होने के कारण योग-ध्यान व साधना का यह केंद्र आम लोगों की पहुंच से दूर रहा। नतीजा, इन वर्षों में यह धरोहर खंडहर बन गई।

हालांकि, आठ दिसंबर 2015 को राजाजी टाइगर रिजर्व ने चौरासी कुटी को नेचर ट्रेल व बर्ड वॉचिंग के लिए खोला गया। इसके पीछे मकसद महर्षि महेश योगी और यहां से जुड़े रहे पश्चिम के मशहूर बैंड बीटल्स ग्रुप की स्मृतियों को भी नई पहचान देना था। पार्क प्रशासन की इस पहल के सार्थक नतीजे भी मिले और चौरासी कुटिया के खुलने के बाद से अब तक 22 हजार पर्यटक यहां भ्रमण के लिए आ चुके हैं।

चौरासी कुटी के प्रति देश-दुनिया के पर्यटकों के आकर्षण को देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व ने एक बार फिर इस धरोहर को इसके मूल स्वरूप में विकसित करने की योजना तैयार की है। करीब डेढ़ करोड़ की इस योजना को उत्तराखंड ईको पर्यटन बोर्ड से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। 

राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर बताते हैं कि योजना के तहत शंकराचार्य नगर में निर्मित भवनों, गुंबदनुमा 84 कुटिया, योग हॉल व अन्य इमारतों का उनके मूल स्वरूप और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये बिना जीर्णोद्धार किया जाएगा। ईको पर्यटन समिति के माध्यम से यहां योग-ध्यान की कक्षाएं भी संचालित की जाएंगी। इसके बाद यहां आने वाले पर्यटक महर्षि महेश योगी और बीटल्स के उस दौर को उसी अंदाज में महसूस करने के साथ योग-ध्यान और साधना भी कर सकेंगे। 

 बीटल्स ग्रुप ने दी नई पहचान 

चौरासी कुटिया महर्षि महेश योगी और भावातीत ध्यान के कारण ही नहीं, प्रसिद्ध अमेरिकन म्यूजिकल ग्रुप बीटल्स के कारण भी चर्चाओं में रही। इस ग्रुप के चार सदस्य जॉन लिनोन, पॉल मेकार्टनी, जार्ज हेरिशन व रिगो स्टार वर्ष 1967-68 में पूरे एक साल इस केंद्र में रहे और भावातीत ध्यान की दीक्षा ली। बीटल्स ग्रुप के इन सितारों ने यहां रहते हुए कई यादगार धुन भी रचीं।

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