कसम परेड के बाद 155 जवान बने भारतीय सेना के अंग

कठिन प्रशिक्षण हासिल कर बहादुरगढ़ के द्वार से कदमताल कर अंतिम पग पार कर विभिन्न राज्यों के 155 जांबाज भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने।

By BhanuEdited By: Publish:Mon, 11 Jun 2018 11:31 AM (IST) Updated:Mon, 11 Jun 2018 07:33 PM (IST)
कसम परेड के बाद 155 जवान बने भारतीय सेना के अंग
कसम परेड के बाद 155 जवान बने भारतीय सेना के अंग

रानीखेत, अल्मोड़ा [जेएनएन]: कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर मुख्यालय का सोमनाथ मैदान एक बार फिर एतिहासिक पल का गवाह बना। कठिन प्रशिक्षण हासिल कर बहादुरगढ़ के द्वार से कदमताल कर अंतिम पग पार कर विभिन्न राज्यों के 155 जांबाज भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने। बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कर्नल ऑफ द कुमाऊं लेफ्टिनेंट जनरल वीएस शेरावत व कमांडेंट केआरसी ब्रिगेडियर जीएस राठौर ने परेड की सलामी ली। 

एतिहासिक सोमनाथ मैदान में रेजिमेंट की मोहक बैंडधुन के बीच देशभक्ति की कसम लेकर 155 जांबाज भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने। धर्मगुरु ने राष्ट्रीय ध्वज व गीता को साक्षी मानकर जांबाजों को शपथ दिलाई।

 

मुख्य अतिथि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, कर्नल ऑफ रेजिमेंट लेफ्टनंट जनरल बीएस शेरावत तथा सेना मेडल व कमांडेंट ब्रिगेडियर जीएस राठौर ने परेड की सलामी ली। शपथ ग्रहण समारोह में 155 शपथ लेने वाले जवानों में से 67 जवान उत्तराखंड के हैं। 88 जांबाज उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से हैं। 

सीएम ने शिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले रिक्रूट्स को पदक लगाकर सम्मानित किया। ऑल ओवर बेस्ट रिक्रूट रमेश कुमार, शारारिक प्रशिक्षण में अतुल कुमार जोशी, ड्रिल में विशाल सिंह को सम्मानित किया गया। 

इस मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जवानों ने देश की सेवा के लिए सेना में शामिल होकर अपने जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कहा कि उनके पिता स्वर्गीय प्रताप सिंह रावत भी सैनिक थे। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में भूमिका निभाई थी। इसी कारण वह भी सेना के गौरवशाली परंपरा से वाकिफ हैं। 

उन्होंने कहा कि देवभूमि के सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपने त्याग व साहस के बल पर देश तथा प्रदेश  नाम रोशन किया है। उन्होंने जवानों से सेना की गरिमा को बनाए रखने का आह्वान किया व देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने का संदेश दिया। 

इस दौरान कर्नल नीरज सूद, शौर्य चक्र कार्यवाहक उपकमांडेंट केआरसी व टीबीसी प्रशिक्षण बटालियन ले. कर्नल नक्षत्र भंडारी, जेएसओ-वन (प्रशिक्षण) ले. कर्नल विजय नरसिंम्हन आदि तमाम सैन्य अधिकारी व जवान मौजूद रहे।

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