समूह की महिलाएं अपने उत्पाद से बन रही हैं आत्मनिर्भर, मीरजापुर में बोलीं यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

समूह की महिलाएं पैसों का सदुपयोग करें और मादक पदार्थ आदि गलत कार्यो में धन बर्बाद न करें। उक्त बातें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लोहिया तालाब में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह की महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कही।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 08:43 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 08:43 PM (IST)
समूह की महिलाएं अपने उत्पाद से बन रही हैं आत्मनिर्भर, मीरजापुर में बोलीं यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
मीरजापुर, लोहिया तालाब स्थित डैफोडिल्स पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रमाण पत्र देतीं राज्यपाल।

मीरजापुर, जेएनएन। समूह की महिलाएं अपने उत्पाद से आत्मनिर्भर बन रही है। दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। समूह की महिलाएं पैसों का सदुपयोग करें और मादक पदार्थ आदि गलत कार्यो में धन बर्बाद न करें। उक्त बातें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लोहिया तालाब में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह की महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कही। आजीविका मिशन के मिशन वन जीपी वन बीसी के तहत 11 महिलाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया।  विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली महिलाओं को पारिश्रमिक के रूप में एक करोड़ 11 लाख का डेमो चेक प्रदान किया। मुसहर महिलाओं को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास की चाभी व स्वीकृति पत्र प्रदान किया।

उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मिलने से इतना अच्छा महसूस होता है कि जितना कि किसी मंदिर में जाकर पूजा करने से। एक समय था जब घरों से महिलाओं को निकलने ही नहीं दिया जाता था, जिसके कारण शिक्षा से भी महिलाएं वंचित रह जाती थीं। एनआरएलएम कार्यक्रम के तहत आज महिलाओं में जागरूकता लाते हुए समूह का गठन किया जा रहा है। विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अपने द्वारा स्वरोजगार करके महिलाएं आत्मनिर्भर बनते हुए अपना एवं अपने घर का जीवन यापन कर रही है। अपने बेटियों को स्कूल भेजें तथा शिक्षित करें। राज्यपाल ने कहा कि दहेज प्रथा को समाप्त करने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। संकल्प लें कि न ही दहेज मागेंगे और न ही दहेज देंगे। अभिभावकों को भी प्रेरित करें। मादक पदार्थों का सेवन नहीं करने के लिए अपने घर के प्रत्येक सदस्यों को मना करें। यदि वे इसके लिए पैसे की मांग करते हैं तो कदापि न दें। कतिपय सामाजिक बुराइयों के कारण पूरे परिवार को तकलीफ उठानी पड़ती है और आर्थिक रूप से भी घर टूट जाता है। सामाजिक बुराइयों को समाप्त करते हुए बच्चों अच्छी शिक्षा और संस्कार प्रदान करें। गांवों में लोगों जानकारी दें, जिससे जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी के साथ लाभ भी मिल सके।

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