Varanasi News: फाइलेरिया मुक्त भारत में जरूरी जन-जन की भागीदारी, साफ-सफाई का ध्यान व व्यायाम से होगा रोकथाम

वाराणसी जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पांडेय का मानना है कि फाइलेरिया मुक्त भारत के लिए फाइलेरिया (हाथीपांव/फीलपांव) रोगियों को ही नहीं बल्कि हम सबको मिल कर आगे आने की जरूरत है। इसके लिए समुदाय को जागरूक करने के साथ ही उनका व्यवहार परिवर्तन करने की आवश्यकता है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 25 May 2023 02:28 PM (IST) Updated:Thu, 25 May 2023 02:28 PM (IST)
Varanasi News: फाइलेरिया मुक्त भारत में जरूरी जन-जन की भागीदारी, साफ-सफाई का ध्यान व व्यायाम से होगा रोकथाम
वाराणसी: फाइलेरिया मुक्त भारत के लिए फाइलेरिया रोगियों को ही नहीं बल्कि हम सबको मिलकर आगे आने की जरूरत है।

वाराणसी: जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शरद चंद पांडेय का मानना है कि फाइलेरिया मुक्त भारत के लिए फाइलेरिया (हाथीपांव/फीलपांव) रोगियों को ही नहीं बल्कि हम सबको मिल कर आगे आने की जरूरत है। इसके लिए समुदाय को जागरूक करने के साथ ही उनका व्यवहार परिवर्तन करने की आवश्यकता है। कहा कि एक बार फाइलेरिया (हाथ, पैरों, अंडकोषों व स्तन में सूजन) रोग हो जाने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है। शुरू में दवा खाने, साफ-सफाई रखने व व्यायाम या योग करने से इसको नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही दिव्यांगता से बचा जा सकता है।

उन्होंने बताया की स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार), पाथ व डब्ल्यूएचओ संस्था के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में फाइलेरिया (हाथीपांव) के लगभग 20 रोगियों को प्रशिक्षण देकर वालंटियर बनाया गया। हाथीपांव के लक्षण, कारण, बचाव, चोट, संक्रमित बीमारियों आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की और साफ-सफाई, व्यायाम, स्वच्छता के बारे में जानकारी दी। सभी प्रतिभागियों से समुदाय में फाइलेरिया रोगी की तरह काम न करके “फाइलेरिया वालंटियर्स” की तरह काम करने को कहा गया है। बताया गया है कि समुदाय को जागरूक करें। इसके अलावा हाथीपांव से जुड़े मिथक व भ्रांतियों को दूर कर व्यवहार परिवर्तन भी किया गया।

प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ राहुल सिंह बताते हैं कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। अगर ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में शीघ्र स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक से संपर्क कर जांच कराएं और चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही आवश्यक दवा का नियमित रूप से सेवन करें। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया से बचना है तो घर और आस-पास सफाई रखना जरूरी है। पानी का जल जमाव न होने दें, ठहरे पानी पर जला मोबिल छिड़क कर मच्छरों को पनपने से रोकें, पूरे आस्तीन के कपड़ें पहनें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

अब काफी आराम है : भारती

पिंडरा ब्लाक की 25 वर्षीय भारती ने बताया कि उन्हें करीब सात साल से बाएं पैर में हाथीपांव की बीमारी है। पहले इतनी जानकारी नहीं थी इसलिए इसका इलाज चौकाघाट स्थित सरकारी अस्पताल में कराया। लेकिन आराम नहीं मिला। कुछ दिनों पहले वह फाइलेरिया नेटवर्क से जुड़कर अपने प्रभावित अंग का ख्याल रख रही हैं। साफ-सफाई, योग, व्यायाम आदि पर ध्यान दे रही हैं। इससे काफी आराम है।

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