वाराणसी नगर निगम : 50 माह पूरे लेकिन पार्षद कोटे का धन नहीं मिलने से विकास कार्य बाधित

Varanasi Municipal Corporation वार्ड के पार्षदों का कार्यकाल 50 माह पूरा हो चुका है लेकिन अब भी दर्जनों को उनके कोटे का धन नगर निगम की ओर से आवंटित नहीं होने से विकास कार्य प्रभावित हैं। 12 दिसम्बर 2017 को शपथ ग्रहण हुआ लेकिन कोटे का धन आवंटित नहीं हुआ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 10:23 AM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 10:23 AM (IST)
वाराणसी नगर निगम : 50 माह पूरे लेकिन पार्षद कोटे का धन नहीं मिलने से विकास कार्य बाधित
चुने हुए दर्जनों पार्षदों को नहीं मिला पार्षद कोटे का धन

जागरण संवाददाता, वाराणसी : वार्ड के पार्षदों का कार्यकाल 50 माह पूरा हो चुका है लेकिन अब भी दर्जनों को उनके कोटे का धन नगर निगम की ओर से आवंटित नहीं होने से विकास कार्य प्रभावित हैं। सर्वाधिक छोटे कार्यों को लेकर वार्डों में हंगामा है जिसकी आये दिन पब्लिक शिकायत तो करती है लेकिन पार्षद कोटे का धन आवंटित नहीं होने से पार्षदों के हाथ बंधे हैं। बात इतने तक सीमित नहीं है। सत्ता पक्ष पर विपक्षी पार्षदों का भेदभाव जैसे गंभीर आरोप भी है। उनका कहना है कि चुने हुए पार्षदों को भले ही कोटे का धन नहीं मिला लेकिन जो सत्ता पक्ष से नामित पार्षद हैं उन्हें कोटे का धन आवंटित हो गया है जिससे चुने हुए पार्षदों में रोष है।

जंगमबाड़ी के सपा पार्षद गोपाल यादव कहते हैं कि केवल पहले साल अपने कोटे से 13 लाख का काम करा पाया। 12 दिसम्बर 2017 को शपथ ग्रहण हुआ लेकिन सदन से पास हुए कोटे का धन आवंटित नहीं हुआ है जिससे स्मार्ट वार्ड में अब भी कई दर्जनों बुनियादी सुविधाओं की पब्लिक बाट जोह रही है। उन्होंने बताया कि भत्ता के नाम पर पार्षद को केवल 1500 रुपये महीना मिलता है।

शिवाला के भाजपा पार्षद राजेश यादव चल्लू कहते हैं कि पार्षद कोटे का धन नहीं मिलने से गलियों वाले वार्ड की स्थिति बहुत बेहतर नहीं हो पा रही है। नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों की कमी का रोना रोते हैं। कहते हैं कि टेंडर ही नहीं लोड हो रहा है।

काजीसादुल्लापुरा के कांग्रेस पार्षद रमजान अली कहते हैं कि अभी तक मात्र 25 लाख का ही काम पार्षद कोटे से हुआ है। 20 लाख का टेंडर हुआ है। उम्मीद है कि इन कामों को कराने के बाद कार्यकाल भी पूरा हो जाएगा। उन्होंने धन आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया। कहा कि मेयर की ओर से अवस्थापना निधि व 14वें व 15वें वित्त का पैसा केवल भाजपा पार्षदों के वार्ड में खर्च किया जाता है।

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