UP Board : छात्रों की मेरिट से तय होगा केंद्र, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट-2021 की परीक्षा की तैयारी

यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट-2021 की परीक्षा की तैयारी में अभी से जुट गया है। इस क्रम में केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया भी आनलाइन शुरू कर दी गई है। बोर्ड की पहली प्राथमिकता राजकीय व अशासकीय विद्यालयों को केंद्र बनाना है।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 09:43 AM (IST)
UP Board : छात्रों की मेरिट से तय होगा केंद्र, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट-2021 की परीक्षा की तैयारी
यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट-2021 की परीक्षा की तैयारी में अभी से जुट गया है।

वाराणसी, जेएनएन। यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट-2021 की परीक्षा की तैयारी में अभी से जुट गया है। इस क्रम में केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया भी आनलाइन शुरू कर दी गई है। बोर्ड की पहली प्राथमिकता राजकीय व अशासकीय विद्यालयों को केंद्र बनाना है। वहीं वित्तविहीन विद्यालयों को को इस बार विद्यार्थियों की मेरिट के आधार पर केंद्र बनाया जाएगा। वर्ष 2020 की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा का परिणाम  90 फीसद से अधिक होने पर ही वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्रों की सूची में शामिल किया जाएगा। बोर्ड द्वारा केंद्र के तय किए गए मानक में रिजल्ट पर 20 अंक निर्धारित किया गया है।

शासन की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने केंद्रों के निर्धारण के वायस रिकार्डरयुक्त सीसी टीवी  कैमरा व रिकार्डिंग के लिए डीवीआर के साथ राऊटर डिवाइस एवं हाईस्पीड इण्टरनेट कनेक्शन लगा होना अनिवार्य है ।कोरोना महामारी को देखते हुए दोनों पालियों की परीक्षा में शारीरिक दूरी के मानक के अनुसार परीक्षार्थियों की बैठने की पर्याप्त कक्ष होना भी अनिवार्य है। बोर्ड ने केंद्र के निर्धारण के लिए बकायदा मानक बनाया है । यही नहीं विभिन्न मानकों पर अलग-अलग अंक भी निर्धारित किए गए हैं । मसलन यदि हाईस्कूल स्तर का विद्यालय है तो दस अंक । इंटर तक के विद्यालय पर 20 अंक तय है । इसी प्रकार सीसी टीवी कैमरा पर 10 अंक,  कैमरे के निगरानी पर 10 अंक, वर्ष 2020 में यदि केंद्र था तो 20 अंक, वित्तविहीन विद्यालयों के लिए हाईस्कूल व इंटर में 90 फीसद से अधिक रिजल्ट पर 20-20 अंक निर्धारित किया गया है । मानक पर पर खरे उतरने वाले विद्यालयों को ही केंद्र बनाया जाएगा । वहीं केंद्रों का निर्धारण आनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से सीधे बोर्ड करेगा। परीक्षा केंद्र यथासंभव विद्यालयों के दस किमी के दायरे में ही बनाएं जाएंगे । दो विद्यालयों के मध्य दूरी के निर्धारित करने के लिए प्रधानाचार्यों को स्मार्ट फोन के माध्यम से स्वयं मैङ्क्षपग भी करनी होगी । अपलोड की गयी आधारभूत सुविधाओं, दो विद्यालयों के बीच की दूरी, परीक्षार्थियों की वेठने की क्षमता का भौतिक सत्यापन जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति करेंगी । इसके बाद ही केंद्रों को अंतिम रुप दिया जाएगा ।

बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार ही केंद्रों का निर्धारण किया जाएगा

बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार ही केंद्रों का निर्धारण किया जाएगा। साथ ही परीक्षार्थियों के आने जाने की भी सुविधा का भी ध्यान रखा जाएगा । दागी विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा । साथ ही कोविड 19 के प्रकोप को देखते हुए इस बार केंद्रों की संख्या कुछ बढऩे की भी संभावाना है ।

-डा. वीपी सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक

chat bot
आपका साथी