Varanasi के वन स्टॉप सेंटर से दस मई को भागी दो किशोरियां लेढूपुर से बरामद

पिछले 10 मई को पंडित दीन दयाल अस्पताल स्थित वन स्टॉप सेंटर से फरार हुई दो किशोरियों को कैंट पुलिस ने शुक्रवार को बरामद कर लिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 15 May 2020 03:58 PM (IST) Updated:Fri, 15 May 2020 07:15 PM (IST)
Varanasi के वन स्टॉप सेंटर से दस मई को भागी दो किशोरियां लेढूपुर से बरामद
Varanasi के वन स्टॉप सेंटर से दस मई को भागी दो किशोरियां लेढूपुर से बरामद

वाराणसी, जेएनएन। पिछले 10 मई को पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल परिसर स्थित वन स्टॉप सेंटर से फरार हुई दो किशोरियों को कैंट पुलिस ने शुक्रवार को बरामद कर लिया। दोनों किशोरियों को सारनाथ थाना क्षेत्र के लेढूपुर से बरामद किया गया है। एक युवती रोहनिया थाना की निवासी है जबकि दूसरी बलिया निवासी है। कैंट पुलिस के अनुसार केंद्र प्रभारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर दोनों की तलाश की जा रही थी। शुक्रवार को सर्विलांस व मुखबीर के जरिये सूचना मिली कि दोनों सारनाथ थाना क्षेत्र के लेढू पुर में मौजूद है। चौकी प्रभारी अर्दली बाजार ने वन स्टॉप सेंटर प्रभारी को सूचना देते हुए दोनों मौके पर जाकर दोनों को बरमाद कर लिया। कैंट पुलिस दोनों से भागने के कारण सहित अन्य बिंदुओं पर पूछताछ कर रही है।

सुरक्षा पर सवाल, पुलिस की तैनाती व सीसीटीवी के बाद भी घटना

लॉकडाउन के कारण  पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल परिसर स्थित वन स्टॉप सेंटर में पिछले दिनों नहीं के बराबर केस आए। लॉकडाउन में ढील मिलने के साथ ऐसे मामले बढऩे लगे हैं। इसमें ज्यादातर घरेलू हिंसा के केस हैं। वहीं लॉकडाउन में वन स्टॉप सेंटर के शेल्टर होम में दो लड़कियों व एक आठ साल की बच्ची को शरण दी गई थी। इनमें दो लड़कियां रविवार को सेंटर से भाग गई और अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है। इसकी एफआइआर भी एक दिन पहले कैंट थाने में दर्ज कराई जा चुकी है।

दरअसल, सेंटर में चार सीसीटीवी कैमरे हैं जिनमें से एक खराब है। मुख्य गेट भी टूटा है। यहां 30 अप्रैल को बलिया की एक लड़की आई थी, इसी के आसपास 8 साल की एक बच्ची लंका से मिली थी जिसके माता-पिता कहीं चले गए थे। वहीं 7 मई को रोहनिया थाने से फैंटम बलिया की एक नाबालिग गर्भवती लड़की को लाई थी। बलिया और रोहनिया की लड़कियां रविवार को भाग गई। सेंटर मैनेजर रश्मि दुबे ने बताया कि सूचना कैंट थाने में दर्ज करा दी गई है। आठ साल की बच्ची को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर किया  है। फिलहाल भागी हुई लड़कियां नहीं मिली हैं। जिस समय वे भागीं उस वक्त एक कांस्टेबल व दो होमगार्ड ड्यूटी पर थे। लड़कियों को ऊपर कमरे में रखा गया था, वहां सीसी कैमरा नहीं है। सेंटर मैनेजर के अनुसार आंधी में गेट टूटा व कैमरा खराब हो गया। इसे लगवाने के लिए पत्र लिखा गया है।

लॉकडाउन में लॉक हो गए केस

लॉकडाउन से पहले वन स्टॉप सेंटर में हर माह 90 तक केस आते थे। इसमें कुछ सीधेे तो कुछ हेल्पलाइन 181 नंबर के जरिए आते थे। अप्रैल में आठ और मई में एक केस 17 वर्षीय रोहनिया की एक लड़की का था जो भाग गई । बाकी में अधिकतर घरेलू हिंसा के मामले हैं जिन पर कार्य हो रहा है। ये सभी बनारस के हैं।

गार्ड-ड्राइवर को छोड़ महिला स्टाफ

वन स्टॉप सेंटर में गार्ड और ड्राइवर के अलावा स्टाफ में महिलाएं हैं। पुलिस चौकी में भी महिला पुलिसकर्मी हैं। काउंसलर, पैरामेडिकल स्टाफ, शार्ट शेल्टर होम और स्किल डेवलपमेंट क्लास आदि है। सेंटर में 10 स्टाफ, 13 पुलिसकर्मी व होमगार्ड हैैं। लॉकडाउन के कारण एक दिन में तीन स्टाफ की ड्यूटी रोटेशन पर लगाई जा रही।

पांच दिन रहने की व्यवस्था

सेंटर में आवासीय व्यवस्था होने पर पांच दिन पांच महिलाओं के रहने की सुविधा है। शेल्टर होम में भोजन, चिकित्सकीय परामर्श व काउंसलिंग संग कौशल उन्नयन होता है।

फोन पर होता फॉलोअप

सेंटर में जितने भी उपलब्ध स्टाफ हैं वे फोन से पुराने केसों का फॉलोअप कर रहे हैं। लॉकडाउन में घर जाकर फॉलोअप नहीं हो रहा। नए केस पर काम काम संग सेंटर को सैनिटाइज कराया जा रहा है।

यह भी जानें

08 : मार्च 2016 को स्थापित 

2086 : अब तक कुल केस आए

1211 : घरेलू हिंसा के मामले

2068 : केस निस्तारित,

18 : केस विचाराधीन

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