बनारस में आर्थिक संकट में आए ट्रांसपोर्टरों ने पीएम को भेजा पत्र, गुरुधाम चौराहे पर रोका जुलूस

बनारस टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के तत्वावधान में विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार को पीएम को संबोधित ज्ञापन एसीएम प्रथम को सौंपा गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 01:49 PM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 08:17 PM (IST)
बनारस में आर्थिक संकट में आए ट्रांसपोर्टरों ने पीएम को भेजा पत्र, गुरुधाम चौराहे पर रोका जुलूस
बनारस में आर्थिक संकट में आए ट्रांसपोर्टरों ने पीएम को भेजा पत्र, गुरुधाम चौराहे पर रोका जुलूस

वाराणसी, जेएनएन। बनारस टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के तत्वावधान में विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार को पीएम को संबोधित ज्ञापन एसीएम प्रथम को सौंपा गया। उन्होंने मांगे न पूरी होने पर अनशन व प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। दरअसल कोरोना संक्रमण काल की शुरुआत के बाद से ही टूरिस्ट ट्रांसपोर्टरों के सामने कारोबारी समस्‍या सामने आने लगी। कारोबार संबंधी दुश्‍वारियों को देखते हुए अपने विभिन्‍न मांगों को लेकर टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन की ओर से पीएम को संबोधित पत्र देने के लिए सोमवार को ट्रांसपोर्टरों का हुजूम जुलूस की शक्‍ल में रवाना हुआ तो गुरुधाम चौराहे पर ही सभी को रोक लिया गया। इस दौरान एसीएम प्रथम गिरीश कुमार द्विवेदी के पहुंचने पर पीएम को संबोधित ज्ञापन ट्रांसपोर्टरों ने सौंप दिया।

एसोसिएशन के तत्वावधान में जुलूस की शक्ल में ट्रांसपोर्टर पीएम के जवाहर नगर स्थित संसदीय कार्यालय जा रहा। हालांकि उन्हें गुरुधाम चौराहे पर क्षेत्राधिकारी चक्रपाणि त्रिपाठी के नेतृत्व में पर्याप्त पुलिस बल ने रोक दिया। ट्रांसपोर्टरों ने एसीएम प्रथम गिरीश कुमार द्विवेदी को इस दौरान पीएम को देने के लिए ज्ञापन सौंप दिया। जुलूस और प्रदर्शन का नेतृत्व संगठन के अध्यक्ष राकेश सिंह ने किया। पीएम को सम्बोधित पत्र में कोरोना संक्रमण काल में जून माह का टैक्स माफ करने, 369 बस मालिकों पर मुकदमा वापस लेने, बैंक की ईएमआई पर एक वर्ष की छूट देने, बसों से जुड़े सभी कर्मियों को सरकारी अनुदान देने और ऑल इंडिया परमिट को पूर्व की भांति जिलेवार करने की मांग की गई है। ट्रांसपोर्टरों ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं की जाएंगी तो वे धरना, प्रदर्शन का भूख हड़ताल को बाध्य होंगे। कहा कि लॉकडाउन के बाद से ही कारोबारियों को कई आर्थिक समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है जिसकी वजह से वह मांगें न माने जाने पर धरना प्रदर्शन करने को बाध्‍य होंगे।

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