गाजीपुर में अवैध पुल के सहारे करोड़ों का होता था मछली व्यापार, लोहे का चादर लगाकर रोक देते थे पानी

मुख्तार अंसारी के करीबी नन्हें खां द्वारा करीमुद्दीनपुर के महेंद के पास मगई नदी में अवैध पुल बनाया जा रहा था उसके सहारे प्रति वर्ष करोड़ों रुपये के मछली का व्यापार होता था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 03:36 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 12:20 AM (IST)
गाजीपुर में अवैध पुल के सहारे करोड़ों का होता था मछली व्यापार, लोहे का चादर लगाकर रोक देते थे पानी
गाजीपुर में अवैध पुल के सहारे करोड़ों का होता था मछली व्यापार, लोहे का चादर लगाकर रोक देते थे पानी

गाजीपुर, जेएनएन। मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी नन्हें खां द्वारा करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के महेंद के पास मगई नदी में जो अवैध पुल बनाया जा रहा था, उसके सहारे प्रति वर्ष करोड़ों रुपये के मछली का व्यापार होता था। इनकी दबंगई इतनी थी कि बारिश के मौसम में लोहे का चादर लगाकर पानी को रोक देते थे। इसके कारण 25 किमी क्षेत्र के किसानों का खेत बाढ़ में डूब जाता था। इसको लेकर पिछले वर्ष किसानों ने बड़े पैमान पर आंदोलन किया था। गुरुवार को जिला प्रशासन ने जब इस अवैध पुल को गिरवा दिया तो क्षेत्र के लोगों ने काफी राहत की सांस ली।

पानी रोकने पर 25 किमी एरिया के खेत पूरी तरह से डूब जाते थे

महेंद के प्रधान प्रतिनिधि नन्हें खां द्वारा मगई नदी में वर्षों से यह पुल बनाया जा रहा था और इसका सिर्फ और सिर्फ मछली पकडऩा ही उद्देश्य था। नहीं तो इतनी छोटी नदी में सात पीलर वो भी ईंट के स्वयं के पैसे कोई क्यों बनवाता। इतना ही नहीं नदी के इस पार और उस पार दोनों तरफ कहीं कोई सड़क भी नहीं है। अवैध पुल के गिराए जाने की कार्रवाई से पूरे करइल क्षेत्र के किसान खुश हैं। दरअसल, जब बारिश का मौसम आता था तो यहां लोहे के बड़े-बड़े चद्दर लगाकर पानी को रोक दिया जाता था और जाल लगाकर बड़े पैमाने पर मछली पकडऩे का काला कारोबार किया जाता था। इसके बाद मगई नदी का पानी आसपास के खेतों में फैल जाता था। इससे 25 किमी एरिया के खेत पूरी तरह से डूब जाते थे।

जागरण ने चलाया था अभियान

दैनिक जागरण ने पिछले वर्ष इस पर व्यापक रूप से अभियान चलाया। इसके बाद कान में तेल डालकर सो रहे जिम्मेदारों की कुंभकरणीय तंद्रा टूटी थी और पानी निकलवाने की प्रक्रिया शुरू कराई गई थी। प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई में पता चला कि इसी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है और सभी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को इसके लिए दोषी मान रहे थे।

लखनऊ की एटीएफ टीम कर रही थी निगरानी

महेंद में बन रहे अवैध पुल और नन्हें खां की मानीटङ्क्षरग लखनऊ की एसटीएफ टीम द्वारा किया जा रहा था। महीनों से इस पर सघन जांच-पड़ताल भी की जा रही थी। स्थानीय टीम इसकी रिपोर्ट से एसटीएफ को अवगत करा रही थी। पूरी जांच पड़ताल और उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी फोर्स लगाकर उसे गिरा दिया गया।

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