पूर्वांचल में पश्चिमी विक्षोभ का असर जल्‍द, दोबारा मौसम का रुख देगा सेहत को चुनौती

चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से एक डिग्री कम रहा। न्‍यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से दो‍ डिग्री अधिक रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 88 और न्‍यूनतम 77 फीसद दर्ज की गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 15 Jan 2022 09:39 AM (IST) Updated:Sat, 15 Jan 2022 09:39 AM (IST)
पूर्वांचल में पश्चिमी विक्षोभ का असर जल्‍द, दोबारा मौसम का रुख देगा सेहत को चुनौती
मौसम का रुख लगातार बदलाव की ओर पखवारे भर से बना हुआ है।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। पूर्वांचल में मौसम का रुख लगातार बदलाव की ओर पखवारे भर से बना हुआ था। अब मौसम का रुख और भी चुनौती देने की ओर होने जा रहा है। सर्द गर्म और कोहरे के साथ ही वायु प्रदूषण के तल पर आने की वजह से मौसमी बीमारियां भी सिर उठाने की ओर हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में यह स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण होने की ओर है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख और भी बदलेगा जिससे गलन के साथ ही कोहरा और बदली का दौर पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हुआ तो मौसमी बीमारियां और भी सिर उठाएंगी। वातावरण में बदलाव का दौर आने की वजह से मौसम का मिला जुला दौर इन दिनों देखने को मिल रहा है।  

बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से एक डिग्री कम रहा। न्‍यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से दो‍ डिग्री अधिक रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 88 और न्‍यूनतम 77 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों में पश्चिमी विक्षोभ का झोंका पाकिस्‍तान के रास्‍ते आने की तैयारी में है। इसका असर पूर्वांचल तक आने पर गलन और कोहरे के साथ ही बदली और बूंदाबांदी का भी दौर आ सकता है। जबकि आने वाले दिनों में मौसम का रुख इसकी वजह से उतार चढ़ाव का बना रहेगा। अगले 24- 48 घंटों में पश्चिमी विक्षोभ का असर पूर्वांचल में आ जाएगा। 

मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि मौसमी बदलाव का यह दौर माह भर और रहेगा। इसके बाद पूर्वांचल में बसंती हवाएं मार्च माह तक के लिए काबिज रहेंगी। इसके बाद अप्रैल माह के दूसरे पखवारे से गर्म हवाएं काबिज होंगी जो मध्‍य जून तक दुश्‍वारियां देती रहेंगी। हालांकि, उससे पूर्व ठंडक का यह दौर लोगों को पर्याप्‍त राहत प्रदान करेगा। इस दौरान मौसमी बदलाव के साथ बूंदाबांदी की चुनौती खेतों में बनी रहेगी। 

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