संस्कृत कालेजों में नियुक्ति का रास्ता साफ, संस्कृत विवि को अब भी नियुक्ति अधिकार

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पास संबद्ध संस्कृत कालेजों में अध्यापकों की नियुक्ति अधिकार अब भी है।

By Vandana SinghEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 07:12 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 09:16 AM (IST)
संस्कृत कालेजों में नियुक्ति का रास्ता साफ, संस्कृत विवि को अब भी नियुक्ति अधिकार
संस्कृत कालेजों में नियुक्ति का रास्ता साफ, संस्कृत विवि को अब भी नियुक्ति अधिकार

वाराणसी, जेएनएन। सूबे के संस्कृत कालेजों में अध्यापकों की नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि एक्ट के तहत संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पास संबद्ध संस्कृत कालेजों में अध्यापकों की नियुक्ति अधिकार अब भी है। विवि हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन करने में जुटी हुई है। ऐसे में संस्कृत कालेजों में अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

विश्वविद्यालय अधिनियम 1971 के तहत संस्कृत विश्वविद्यालय को संबद्ध कालेजों में अध्यापकों की नियुक्तियों का अनुमोदन करने का अधिकार मिला हुआ है। शासन ने इस एक्ट में अब तक संशोधन नहीं किया है। इसके बावजूद शासन अक्टूबर 2018 में संस्कृत संस्कृत कालेजों में अध्यापकों की नियुक्तियों पर रोक लगा दी। कहा कि संस्कृत कालेजों में नियुक्तियों के लिए आयोग का गठन किया जा रहा है। अब आयोग ही संस्कृत कालेजों में अध्यापकों की नियुक्ति करेगा। शासन के निर्देश पर विश्वविद्यालय ने नियुक्तियों के लिए अनुमोदन रोक दिया। इसके चलते सूबे के 60 कालेजों में करीब 130 शिक्षकों की नियुक्तियां फंसी गई। विवि इनमें से कई महाविद्यालयों को चयन समिति के लिए विशेषज्ञ भी नामित कर चुका है। कुछ कालेज साक्षात्कार भी करा चुके हैं। इस बीच शासन के फरमान के चलते नियुक्तियां ठप हो गई।

''संस्कृत कालेज में अध्यापकों की नियुक्तियों के संबंध में हाईकोर्ट का आदेश मिल गया है। इसमें एक्ट के अनुसार विवि को नियुक्तियों के लिए चयन समिति की संस्तुति करने व अनुमोदन करने अधिकार होने की बात कही गई है। हालांकि इसका अध्ययन किया जा रहा है ताकि संबद्ध कालेजों में नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके।

-प्रो. राजाराम शुक्ल, कुलपति।

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