संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 37वां दीक्षा समारोह कल, दस स्वर्ण पदक से विभूषित होंगे स्वामी अद्भुत वल्लभ दास

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 37वां दीक्षा समारोह गुरुवार पांच दिसंबर को आयोजित है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 04 Dec 2019 04:03 PM (IST) Updated:Wed, 04 Dec 2019 08:50 PM (IST)
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 37वां दीक्षा समारोह कल, दस स्वर्ण पदक से विभूषित होंगे स्वामी अद्भुत वल्लभ दास
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 37वां दीक्षा समारोह कल, दस स्वर्ण पदक से विभूषित होंगे स्वामी अद्भुत वल्लभ दास

वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का 37वां दीक्षा समारोह गुरुवार, पांच दिसंबर को आयोजित है। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी, जबकि बतौर मुख्य अतिथि यूजीसी के उपाध्यक्ष डा. भूषण पटवद्र्धन भी उपस्थित होंगे। स्वामी अद्भुत वल्लभ दास गुजरात स्थित स्वामी नारायण मंदिर, लोया धाम से ताल्लुक रखते हैं। सन्यास आश्रम में आने से पूर्व कंप्यूटर साइंस में इंजीनियङ्क्षरग से स्नातक स्वामी वल्लभ ने इसी क्षेत्र में तीन साल तक नौकरी भी की थी। दस साल पहले सन्यास आश्रम में आकर स्वामीनारायण मंदिर से जुड़े गए। गुरु स्वामी घनश्याम प्रकाश दास के सानिध्य में देव भाषा संस्कृत की शिक्षा में रमने लगे। कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने कहा स्वामी वल्लभ दास संस्कृत और आधुनिक तकनीकी के क्षेत्र में एक समन्वय स्थापित करते हुए नए अन्वेषण करेंगे। कुलपति ने बधाई देते हुए उनके उज्वल भविष्य की कामना की।

जो भारत का संस्कार, वही हम सबका संस्कार

वेदांग के क्षेत्र में सर्वाधिक 10 मेडल प्राप्त करने वाले स्वामी वल्लभ के मुताबिक दुनिया में गुरु के बिना हर इंसान अधूरा है। गुरु के सानिध्य से मनुष्य ऊर्जावान, प्रकाशवान बनता है। आज जो कुछ भी प्रयास कर रहा हूं, वह सब गुरु की कृपा और आशीष का प्रतिफल है। कहा भारत संस्कृत, संस्कृति और संस्कार की देव भूमि है। इसलिए जो भारत का संस्कार है, वह हम सबका संस्कार है। देश का सम्मान हमारा सम्मान है।

22726 छात्र/छात्राओं को उपाधि

दिक्षा महोत्सव में जहां 32 मेधावी कुल 57 मेडल से विभूषित किए जाएंगे। वहीं प्रथमा, पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री, आचार्य, शिक्षा शास्त्री, पुरातत्व एवं संग्रहालय, पत्रकारिता एवं जनसंचार विज्ञान स्नातकोत्तर, ग्रंथालय एवं सूचना विज्ञान शास्त्री, संस्कृत प्रमाण पत्रीय, विद्यावारिधि एवं विद्या वाचस्पति के कुल 22726 छात्र/छात्राओं को उपाधि प्रदान की जाएगी। तैयारी के क्रम में बुधवार, चार दिसंबर को विद्या परिषद व कार्य परिषद की बैठक के बाद कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल पत्रकारों से मुखातिब होंगे। वहीं इसी दिन दोपहर 3.30 बजे दीक्षा महोत्सव का पूर्वाभ्यास भी होगा।

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