पराली जलाने से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए चलाएं अभियान: आलोक सिन्हा

कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्‍हा की अध्यक्षता में प्रदेश के छह मंडल के 22 जिलों में वीडियो कांफ्रेसिंग में निर्देश दिए कि पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जनजागरूकता अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार कराएं। इसके साथ ही किसानों की आय में वृद्धि करने आदि की समीक्षा की गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 09:39 PM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 09:39 PM (IST)
पराली जलाने से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए चलाएं अभियान: आलोक सिन्हा
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा द्वारा वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से की जा रही समीक्षा में उपस्थित अधिकारी व किसान।

आजमगढ़, जेएनएन। कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्‍हा की अध्यक्षता में प्रदेश के छह मंडल (गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, आजमगढ़) के 22 जिलों में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से  रबी उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। कृषि निवेश, पराली प्रबंधन, सिंचाई व्यवस्था, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, धान क्रय केंद्र, एफपीओ के माध्यम से किसानों को जोड़कर उनकी आय में वृद्धि करने आदि की समीक्षा की गई।

आयुक्त ने एनआइसी में मौजूद मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और प्रभारी डीएम/ सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला को निर्देश दिए कि पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जनजागरूकता अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार कराएं। प्रभारी डीएम ने बताया कि पराली के अवशेष को जलाने से रोकने के लिए निगरानी समिति बनाई गई है। कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है। पराली को जलाने से रोकने के लिए अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं। बताया कि पिछले वर्ष पराली के अवशेष को जलाए जाने के संबंध में 16 एफआइआर एवं 35,000 रुपये जुर्माना लगाया गया था। कृषि उत्पादन आयुक्त ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लाभार्थियों के लंबित आवेदन पत्रों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए। अधिकारीद्वय ने मऊ जिले में सोलर पंप के मरम्मत, बलिया जिले में मक्का का क्रय केंद्र बनाए जाने, म्यूरिएट आफ पोटास को सहाकारिता के क्षेत्र में विपणन की व्यवस्था किए जाने, उर्वरक बिक्री, गोशाला संचालन आदि की जानकारी दी। कृषि उत्पादन आयुक्त ने ठेकमा के प्रगतिशील किसान देवेंद्र नाथ राय से बातचीत की। एडीएम एफआर गुरु प्रसाद गुप्ता, जेडी कृषि सुरेश कुमार सिंह, सीवीओ डा. वीके सिंह, जिला कृषि अधिकारी डा. उमेश कुमार गुप्ता, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी संगम सिंह थे।

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