मीरजापुर के विंध्य कारिडोर निर्माण के लिए 128 करोड़ रुपये मंजूर, जल्‍द ही शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य

बहुप्रतीक्षित विंध्य कारिडोर के लिए सावन माह सौगात भरी रही। गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अगस्त को विंध्य कारिडोर का शिलान्यास व भूमि पूजन कर सावन की सौगात दी तो वहीं कैबिनेट की बैठक में विंध्य कारिडाेर के लिए 128 करोड़ रुपये मंजूर किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 17 Aug 2021 07:05 PM (IST) Updated:Tue, 17 Aug 2021 07:05 PM (IST)
मीरजापुर के विंध्य कारिडोर निर्माण के लिए 128 करोड़ रुपये मंजूर, जल्‍द ही शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य
निर्माण कार्य शुरू होने से निखरकर सामने दिखेगा विंध्य कारिडोर का माडल

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। बहुप्रतीक्षित विंध्य कारिडोर के लिए सावन माह सौगात भरी रही। गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अगस्त को विंध्य कारिडोर का शिलान्यास व भूमि पूजन कर सावन की सौगात दी तो वहीं सोमवार को कैबिनेट की बैठक में विंध्य कारिडाेर के लिए 128 करोड़ रुपये मंजूर किया गया। यही नहीं, अब मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ अपने ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कारिडोर परियोजना पर आवश्यकतानुसार निर्णय खुद ले सकेंगे। इसके लिए मंत्री परिषद की ओर से मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब विंध्य कारिडोर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।

आदि शक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी धाम श्रद्धा व आस्था का केंद्र है, जहां प्रतिवर्ष देश के कोने-कोने से करोड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ परंपरागत तौर पर श्रद्धालु परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा मार्ग सीमित और संकरा होने के कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती रही। विंध्य कारिडोर का निर्माण होने से इन समस्याओं से छुटकारा तो मिलेगा ही, साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा। विंध्यधाम में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने से पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ पूंजी निवेश में भी वृद्धि होगी। विंध्य कारिडोर का शिलान्यास होने के बाद हर किसी की निगाहें विंध्यधाम पर टिकी हुई हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने ड्रीम प्राेजेक्ट विंध्य कारिडोर को लेकर बेहद संजीदा हैं। शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य शुरू होने का इंतजार था। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में 128 करोड़ रुपये पास होने के बाद विंध्य कारिडोर निर्माण का रास्ता साफ हो गया। प्रथम चरण में विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ 50 फीट परिक्रमा पथ के साथ चारों गलियों का चौड़ीकरण किया जाएगा। इसके लिए 287 संपत्तियों की खरीदारी व ध्वस्तीरण प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली गई है। विंध्यवासिनी मंदिर तक जाने वाले मार्गाें के निर्माण और मरम्मत से संबंधित परियोजना के लिए 40.38 करोड़ रुपये, मंदिर परकोटा व परिक्रमा पथ निर्माण के लिए 45.75 करोड़, गलियों के सुंदरीकरण के लिए 41.87 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी मिली है।

प्रोजेक्ट मैनेजर की देखरेख में होगा निर्माण कार्य 

विंध्य कारिडोर का निर्माण कार्य राजकीय निर्माण निगम कराएगा। इसके लिए शासन की ओर से राजीव सिंह को प्रोजेक्ट मैनेजर नामित किया गया है। प्रोजेक्ट मैनेजर की देखरेख में निर्माण कार्य होगा। प्रथम चरण में परिक्रमा पथ के साथ थाना कोतवाली गली, पुरानी वीआइपी, नई वीआइपी गली, पक्का घाट मार्ग का निर्माण होगा।

शारदीय नवरात्र में विंध्यवासिनी मंदिर से ही गंगा दर्शन भी कर सकेंगे श्रद्धालु

51 शक्तिपीठों में से एक विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी मंदिर को विंध्य कारिडोर गंगा की डोर से एकाकार करेगी। परिक्रमा पथ के साथ ही मां विंध्यवासिनी व गंगा को जोड़ने के लिए मार्गों को विस्तार दिया जा रहा है तो श्रद्धालुओं की कतार के लिए भी जगह बनाई जा रही है। मंदिर से गंगा को जाने वाले पक्का घाट मार्ग काे भी 35 फीट चौड़ा व दो सौ मीटर लंबा बनाया जाएगा। निर्माण कार्य शुरू होने से विंध्य कारिडोर का माडल निखरकर सामने दिखेगा। सब कुछ ठीक रहा तो शारदीय नवरात्र में श्रद्धालु विंध्यवासिनी मंदिर से ही गंगा दर्शन भी कर सकेंगे।

प्रथम चरण में यह होंगे कार्य

विकास कार्य : लंबाई : लागत

परिक्रमा पथ : 50 फीट : 1941.41 लाख रुपये

न्यू वीआइपी गली : 35 फीट : 660.27 लाख रुपये

पुरानी वीआइपी गली : 40 फीट : 1546.85 लाख रुपये

कोतवाली गली : 35 फीट : 235.06 लाख रुपये

पक्का घाट की गली : 35 फीट : 901.28 लाख रुपये

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