मारपीट के आरोपी छात्रों पर मुकदमा दर्ज, हड़ताल खत्म
वाराणसी : सर सुंदरलाल अस्पताल की सर्जरी ओपीडी में मंगलवार को छात्र व चिकित्सकों के बीच मार
वाराणसी : सर सुंदरलाल अस्पताल की सर्जरी ओपीडी में मंगलवार को छात्र व चिकित्सकों के बीच मारपीट के मामले में जेआर (जूनियर रेजीडेंट) चौथे दिन शनिवार को करीब 75 घंटे बाद हड़ताल समाप्त कर दिया। इससे पहले शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत आरोपियों पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो रेजीडेंट्स डाक्टर सात अप्रैल से इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर सकते हैं। इसके बाद ही मजबूरी में पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा। वहीं हड़ताल के कारण दूर दराज से आए मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। चिकित्सा अधीक्षक ने दर्ज कराई आनलाइन एफआइआर
जूनियर डाक्टरों की मांग पर अस्पताल प्रशासन ने गुरुवार की रात को ही लंका थाने में तहरीर दे दी गई। थाने में मुकदमा कायम नहीं होने पर शुक्रवार को चिकित्सा अधीक्षक ओपी उपाध्याय ने आनलाइन एफआइआर दर्ज कराई। आकाश व प्रसून पर महिला रेजीडेंट्स के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
उधर, थाने में मुकदमा कायम नहीं होने के चलते शुक्रवार की रात तक हड़ताल जारी रही, जिससे दूर-सुदूर से आने वाले हजारों मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। डाक्टरों ने यह भी कह दिया है कि पुलिस की लापरवाही के कारण उनको हड़ताल जारी रखना पड़ रहा है। इसको लेकर शुक्रवार को शाम को पत्र प्रतिनिधियों से बातचीत में जेआर ने कहा कि अगर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो वे इमरजेंसी सेवा भी बंद कर सकते हैं, जिसकी जिम्मेदारी पुलिस की होगी। उधर, चर्चा यह भी है कि हड़ताल को आइएमएस के ही कुछ अधिकारी हवा दे रहे हैं। पुलिस का कहना था कि बीएचयू के चिकित्सा अधीक्षक की ओर से तहरीर तो दी गई है लेकिन उसमें इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि किस डाक्टर के साथ छात्रों ने मारपीट की, बिना जांच पड़ताल के मुकदमा कैसे कायम किया जाए। खैर, आनलाइन तहरीर के बाद पुलिस ने एमपीए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसके बाद जूनियर डाक्टर शनिवार की सुबह करीब सवा 11 बजे काम पर लौट आए। जेआर की थी मांग, एमपीए के तहत दर्ज हो मुकदमा
हड़ताल कर रहे जूनियर डाक्टरों की माग है कि एमपीए (मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट) के तहत डाक्टरों से मारपीट करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही स्पेशल सुरक्षा की भी उनकी माग है। उनका आरोप था कि प्रशासन अगर मुकदमा दर्ज कर लेता है तो वे तुरंत हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आएंगे और पूर्व की भांति मरीजों को देखना और चिकित्सा सुविधा बहाल कर दी जाएगी। उनका कहना है कि उनकी मंशा मरीजों को परेशान करने की कतई नहीं है, लेकिन हमारी मागें नहीं मानने पर ही हम मजबूरन हड़ताल कर रहे हैं। शाम को डाक्टर लाउंज में प्रेसवार्ता कर बताया कि अस्पताल प्रशासन ने गुरुवार की रात को ही लंका थाने में तहरीर दे दी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। ऐसे में अगर हड़ताल चल रहा है तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस की भी है।