जल संरक्षण की पहल : आइए मिलजुलकर बचा लें प्रकृति का यह अनुपम उपहार Varanasi news

श्रीकाशी विश्वनाथ की नगरी काशी में धर्मार्थ लोगों ने मंदिर बनाए तो कुंड -तालाब व कुएं भी खोदवाए जिसकी भव्यता की झलक कई कुंड-तालाब व कुएं के जर्जर अवशेष से मिलती भी है।

By Edited By: Publish:Thu, 04 Jul 2019 02:08 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 09:34 AM (IST)
जल संरक्षण की पहल : आइए मिलजुलकर बचा लें प्रकृति का यह अनुपम उपहार Varanasi news
जल संरक्षण की पहल : आइए मिलजुलकर बचा लें प्रकृति का यह अनुपम उपहार Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ की नगरी काशी में धर्मार्थ लोगों ने मंदिर बनाए तो कुंड -तालाब व कुएं भी खोदवाए, जिसकी भव्यता की झलक कई कुंड-तालाब व कुएं के जर्जर अवशेष से मिलती भी है। वक्त बीता और लोगों की पिपासा ने मंदिरों के साथ जलस्रोतों कुंड-तालाब व कुओं पर कब्जा कर लिया। दुष्परिणाम हुआ कि काशी का जलाजल रहने वाला भूजल स्तर अब रसातल की ओर बढ़ने लगा है। इस कारण जल संकट उत्पन्न हो गया है। पानी के इंतजाम में ग्रामीण तो छोड़िए शहरी भी दूर-दूर तक भटकने को मजबूर हैं।

ऐसे में दैनिक जागरण का आधा गिलास पानी अभियान प्रासंगिक बन गया है। नगर में हरे-भरे क्षेत्र व पानी के लबालब स्रोत आम जनजीवन पर संकट के अहसास को भी नजदीक नहीं आने नहीं देते थे लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि ढूंढे नहीं मिल रहे ऐसे भव्य कुंड व तालाब। नगर निगम के दस्तावेज को आधार बनाएं तो वर्तमान में महज 63 तालाब की वजूद में हैं। इसमें दुर्गाकुंड, लक्ष्मीकुंड, रामकुंड, संकुलधारा, पिशाच मोचन तालाब आदि कुछ नाम को छोड़ दें तो कोई ऐसे कुंड-तालाब नहीं हैं जो अतिक्रमण व कब्जे की जद में न हों। यहां महमूरगंज में मोती झील, शिवपुर में रानी ताल व सारनाथ में नरोखर ताल ऐसे जल स्रोत थे जो बहुत बड़े क्षेत्र को जलाजल करते थे।

- धनेसरा तालाब पर बने अवैध मकान होंगे ध्वस्त पौराणिक महत्व वाले धनेसरा तालाब पर हुए अवैध मकानों पर फिर बुल्डोजर चलेगा। इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने अंदरखाने पूरी तैयारी कर ली है। अतिक्रमण हटाने वाले दस्ते ने जिला प्रशासन के सहयोग से पोकलेन भी मंगा लिया है। संभावना है कि तीन दिन के भीतर इस कार्रवाई को अमली जामा पहनाया जाए। नगर निगम प्रशासन ने तीन दिन पहले धनेसरा तालाब पर अतिक्रमण पर कार्रवाई की थी। पटिया आदि हटाने के साथ ही 12 दुकानों को ध्वस्त कर दिया था लेकिन 26 मकानों पर इसलिए कार्रवाई नहीं हो पाई थी क्योंकि उसमें लोग रहे थे। इनमें रह रहे लोगों को एक सप्ताह में भवन खाली करके नया ठौर-ठिकाना तलाशने का अल्टीमेटम दिया गया है।

स्मार्ट वॉटर ड्रेनेज सिस्टम से जोड़ें महावीर तालाब दो वर्ष पहले दैनिक जागरण के तलाश तालाबों की अभियान के दौरान अर्दली बाजार स्थित महावीर तालाब के खोए वजूद को फिर से कायम किया गया। इसमें स्थानीय निवासी अजय यादव के नेतृत्व में लोगों ने श्रमदान किया। इस दौरान दैनिक जागरण ने अभियान में तालाब को शामिल करते हुए रोज की प्रगति को प्रकाशित किया जिसे पढ़कर नींद में सोए जिला प्रशासन के अफसर भी तालाब को नवजीवन देने के लिए आगे आए। इसमें शहर उत्तरी के विधायक रवींद्र जायसवाल ने महती भूमिका निभाई। उन्होंने विधायक निधि से आर्थिक मदद की तो अवस्थापना निधि से कमिश्नर के आदेश पर तालाब के सुंदरीकरण के लिए 28 लाख रुपये जारी हुए। वर्तमान में तालाब सुंदर आकर ले चुका है लेकिन बिन पानी सुन लग रहा है। इसे स्टार्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम से जोड़ दिया जाए तो वर्ष भर तालाब लबालब रहेगा।

डीएम साहब, तालाब से हटाएं कब्जा: शिवपुर के पंचकोसी मार्ग स्थित तालाब पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। इसको खाली कराकर तालाब को फिर से पुराना आकार देने के लिए स्थानीय लोगों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह को ज्ञापन दिया है। कांग्रेस नेता व पूर्व पार्षद जितेंद्र सेठ का कहना है कि तालाब को पाटकर प्लाटिंग करने की तैयारी है। पूर्व कमिश्नर ने नगर निगम को आदेश दिया था कि तालाब को पुराना आकार दिया जाए। इसके लिए मौके पर नगर निगम ने बोर्ड लगाने के साथ ही जेसीबी से खोदाई शुरू कराई लेकिन बाद में कार्य रोक दिया गया।

आशंका है कि कालोनाइजरों ने फिर से प्लांटिंग की योजना बना ली है। बताते हैं कि तालाब किनारे धार्मिक आयोजन होता था लेकिन भूमाफियाओं ने इसे कब्जे में लेकर बहुत हद तक पाट कर प्लाटिंग शुरू कर दिया। पूर्व पार्षद जितेंद्र सेठ ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की तो सुनवाई के बाद कोर्ट ने तालाब को फिर से वजूद में लाने का आदेश दिया है लेकिन स्थानीय अधिकारियों की हीलाहवाली के कारण दो साल बाद भी तालाब को आकार नहीं मिला है।

'प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (अदर इंटरवेंशन) के तहत जिले में जल संचयन व संरक्षण का कार्य बडे़ पैमाने पर किया जा रहा है। तालाब व चेकडैम के माध्यम से बारिश के पानी को रोकने के लिए वृहद स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। -वीके सिंह, भूमि विकास एवं जल संसाधन अधिकारी।

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