विधायक विजय मिश्र और एमएलसी पत्‍नी व कारोबारी पुत्र को नोटिस, शुरू हो गई फाइलों की खोज

बाहुबली विधायक विजय मिश्र और उनके परिवार पर सरकार की ओर से लगातर शिकंजा कसता जा रहा है। असलहा निरस्त करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 02 Sep 2020 06:40 PM (IST) Updated:Wed, 02 Sep 2020 06:40 PM (IST)
विधायक विजय मिश्र और एमएलसी पत्‍नी व कारोबारी पुत्र को नोटिस, शुरू हो गई फाइलों की खोज
विधायक विजय मिश्र और एमएलसी पत्‍नी व कारोबारी पुत्र को नोटिस, शुरू हो गई फाइलों की खोज

भदोही, जेएनएन। बाहुबली विधायक विजय मिश्र और उनके परिवार पर सरकार की ओर से लगातर शिकंजा कसता जा रहा  है।  जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र प्रसाद की अदालत से असलहा निरस्त करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। संतोषजनक जवाब न आने पर असलहा लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। मामले की जांच से अधिकारी भी कन्नी काट रहे हैं। बताया जा रहा है कि फाइलों की छानबीन शुरू हो गई है कि कब और किस अधिकारी ने लाइसेंस जारी किया है।

गोपीगंज कोतवाली में रिश्तेदार का भवन कब्जा करने और औराई कोतवाली में गुंडा एक्ट की कारवाई के बाद विधायक पर एक के बाद एक कार्रवाई शुरू हो गई है। विधायक और उनके परिवार में जारी सात असलहा लाइसेंस को निरस्त करने के लिए एसपी रामबदन सिंह ने डीएम को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट मिलते ही जिला मजिस्ट्रेट की अदालत से नोटिस जारी कर दी गई। जिलाधिकरी ने बताया कि न्यायालय से पक्षों को नोटिस जारी की गई है। नाोटिस का जवाब आने पर कार्रवाई की जाएगी।

80 के दशक से ही दर्ज हैं विधायक पर मुकदमा

विधायक विजय मिश्र पर 80 के दशक से ही आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस का दावा है कि उनके खिलाफ विभिन्न थानों में 73 मुकदमे दर्ज है जबकि विधायक ने तुरंत बाद इसका खंडन कर आपत्ति दर्ज कराई थी । उनका कहना था कि उनके खिलाफ एमपीएलए कोर्ट में मामूली धारा के महज 12 मकदमें ही विचाराधीन है। सवाल उठना लाजमी है कि आपराधिक मुकदमा दर्ज होने के बाद भी उन्हें लाइसेंस जारी कर दिया गया था।

आपराधिक मुकदमा दर्ज होने पर किसी भी दशा में असलहा लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता

आपराधिक मुकदमा दर्ज होने पर किसी भी दशा में असलहा लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता है। लाइसेंस जारी किसने और कब जारी किया गया है, निश्चित रुप से यह जांच का विषय है। इसमें से अधिसंख्य अधिकारी तो अब होंगे भी नहीं।

-  राजेंद्र प्रसाद, जिलाधिकारी

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