अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगाने की तैयारी, अब न सड़क पर गिरेगा कूड़ा, न फैलेगी दुर्गंध

बनारस की खूबसूरती में बाधक बने कई टन कूड़े को जमीन से ओझल करने के लिए नगर निगम ने अब अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगाने का मन बना लिया है।

By Edited By: Publish:Sun, 02 Jun 2019 01:22 AM (IST) Updated:Sun, 02 Jun 2019 01:45 PM (IST)
अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगाने की तैयारी, अब न सड़क पर गिरेगा कूड़ा, न फैलेगी दुर्गंध
अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगाने की तैयारी, अब न सड़क पर गिरेगा कूड़ा, न फैलेगी दुर्गंध

वाराणसी, जेएनएन। बनारस की खूबसूरती में बाधक बने कई टन कूड़े को जमीन से ओझल करने के लिए नगर निगम ने अब अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगाने का मन बना लिया है। चरणबद्ध तरीके से अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगाने का कार्य होगा। पहले चरण में छह जगह अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगेंगे जिस पर करीब 65 लाख खर्च होने का अनुमान है। हेरिटेज महत्व के इन छह स्थानों में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र, गंगा घाट, गोदौलिया, सारनाथ व बीएचयू आदि हैं। क्षेत्रों में योजना को आकार देकर नगर निगम परीक्षण करेगा। इस कॉम्पैक्टर में दो भाग होंगे, जिसमें सूखा व गीला कचरा अलग-अलग स्टोर कर सकते हैं।

अलग से जमीन की जरूरत नहीं : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के आदेश पर अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगाने के लिए सड़क किनारे अलग से जमीन की जरूरत नहीं होगी और न ही किसी दुकान, प्रतिष्ठान, मकान के सामने रखने को लेकर किचकिच होगी। इसे फुटपाथ पर जमीन के नीचे ही स्थापित किया जा सकता है। यह आने-जाने में बाधक भी नहीं बनेगा।

16 टन क्षमता का होगा कॉम्पैक्टर :  एक कॉम्पैक्टर पिट की लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई लगभग 16 क्यूबिक मीटर होगी। इसमें अधिकतम 16 मीट्रिक टन कचरा स्टोरेज की क्षमता है। निस्तारण के लिए अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर से कूड़ा निकालने की जरूरत नहीं है। हाइड्रोलिक मशीन से बाहर निकालकर कूड़ा ट्रक या ट्रॉली पर लोड होगा। जो गारबेज ट्रीटमेंट प्लाट में खाली होगा, ताकि कूड़ा रोड पर न गिरे।

सिटी कमांड सेंटर से रहेगा कनेक्ट : नगर निगम ने स्मार्ट सिटी अभियान के तहत यह पहल की है। गारबेज अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर में सेंसर लगा रहेगा, जिसका संबंध सिटी कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से होगा। जैसे ही यह कॉम्पैक्टर 70 फीसद भर जाएगा, सेंसर कमांड को सिग्नल भेज कॉम्पैक्टर खाली करने का संकेत करेगा।

मोदी ने सूरत में की थी ये पहल :  प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के सीएम थे तो उन्होंने सूरत में कचरा प्रबंधन के लिए पहली बार अंडरग्राउंड कॉम्पैक्टर लगवाया था। इसका उद्देश्य था कि सड़क पर कचरा न फैले व दुर्गध भी न उठे, क्योंकि जमीन पर रखे कॉम्पैक्टर के नजदीक से गुजरने पर दुर्गध आती है। कचरा फैला रहता है।

गंदगी करने वालों से वसूले 10 हजार : नगर निगम के विशेष सफाई के क्रम में शनिवार को भी कर्नल राघवेंद्र मौर्य के नेतृत्व में प्रवर्तन टीम ने पॉलीथिन का उपयोग, गंदगी व अतिक्रमण करने वालों के के खिलाफ कार्रवाई की। नदेसर मोटर मार्केट, राजा बाजार, पुलिस चौकी से मस्जिद तक दुकानदारों को दुकान की क्षमतानुसार 10-20 लीटर के ढक्कन युक्त कूड़ेदान रखने के निर्देश दिए। आठ दुकानदारों से 1.50 किलोग्राम पॉलीथिन, प्लास्टिक की 600 गिलासें जब्त की गईं। गंदगी फैलाने पर 14 दुकानदारों से रुपये 10,200 रुपये जुर्माना वसूलने संग अतिक्रमण करने वाले तीन दुकानदारों का चालान किया गया। इसी प्रकार सभी जोनल अधिकारियों ने भी अपने जोन में अभियान चलाकर गंदगी करने वालों पर सख्ती की। अभियान में जोनल अफसर पीके द्विवेदी, सेनेटरी सुपरवाइजर पंकज, सुधीर, रमेश, योगेंद्र आदि शामिल थे। बता दें नगर आयुक्त आशुतोष कुमार द्विवेदी के निर्देश पर शहर में विशेष सफाई अभियान शुरू किया गया है।

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