sonbhadra massacre : उभ्भा नरसंहार मामले में डीएम एसपी पर कार्रवाई, नए अधिकारी भेजे गए
लंबे समय के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार ने सोनभद्र नरसंहार मामले में कार्रवाई करते हुए डीएम और एसपी को हटाकर नए अधिकारी तैनात कर दिए हैं।
सोनभद्र, जेएनएन। लंबे समय के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार ने सोनभद्र नरसंहार मामले में कार्रवाई करते हुए डीएम और एसपी को हटाकर नए अधिकारी तैनात कर दिए हैं। दरअसल घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार के मामले में जांच रिपोर्ट शासन को शनिवार को सौंपने के दूसरे दिन ही जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल व पुलिस अधीक्षक सलमानताज पाटिल को हटा दिया गया। आनन-फानन नए डीएम एस रामालिंगम व नए पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी हेलीकाफ्टर से जिले में दोपहर बाद शासन की ओर से भेजे गए।
अचानक हेलीकाफ्टर से दोनों अधिकारियों के आने की सूचना मिलते ही जिले में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। ऐसी चर्चा है कि जांच टीम ने शनिवार को रिपोर्ट सौंपी वैसे ही शासन ने डीएम व एसपी को हटाने का निर्णय ले लिया था। नए अधिकारी पुलिस लाइन में हेलीकाप्टर से 4.10 बजे उतरे। इसके बाद सीधे लोक निर्माण विभाग के अतिथिगृह में पहुंचे। वहां नाश्ता करने के बाद पदभार ग्रहण करने जाएंगे। पद भार ग्रहण कराने के लिए विंध्याचल मंडल के आयुक्त आनंद कुमार साथ में आए हैं।
दैनिक जागरण से बातचीत में दोनों नए अधिकारियों ने बताया कि उन्हें जिले का चार्ज लेने के लिए भेजा गया है। वहीं लखनऊ में इसी मामले को लेकर सीएम शाम साढ़े चार बजे प्रेसवार्ता भी की और सोनभद्र नरसंहार को लेकर कार्रवाई की जानकारी साझा की है। रविवार को शासन द्वारा इस अप्रत्याशित कार्रवाई को लेकर भी जिले में काफी सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
अचानक हेलीकाफ्टर लैंडिग देख अवाक रह गए पुलिसकर्मी
शाम 4:10 बजे अचानक पुलिस लाइन के ग्राउंड के ऊपर एक हेलीकाफ्टर लैंडिग के लिए मंडराने लगा। उसकी आवाज सुनकर आस-पास कार्यालय में काम कर रहे पुलिस कर्मी व आवास में रहने वाले कर्मी उसे देखने के लिए बाहर आए। उस समय लैंङ्क्षडग की स्थिति नहीं बनने पर थोड़ी देर के लिए पायलट ने हवा में ही रखा। जैसे ही लैंडिग का सिग्नल मिला हेलीकाफ्टर उतर गया। जब तक धूल शांत होती तब तक कई पुलिस कर्मी अचानक आए हेलीकाफ्टर को देखने के लिए बाहर निकल गए। उसमें एक पुलिस अधिकारी होने व एक मंडलायुक्त के होने की जानकारी मिलते ही अधिकारियों को छोड़कर शेष पुलिसकर्मी अपने-अपने कक्ष में चले गए। थोड़ी ही देर में जब ये तीनों यानि नए डीएम, नए एसपी व मंडलायुक्त वहां से गाड़ी में बैठकर रवाना हुए तो हेलीकाफ्टर भी उड़ गया। थोड़ी ही देर में पता चला कि नए जिलाधिकारी के रूप में एस राजङ्क्षलगम व नए पुलिस अधीक्षक के रूप में प्रभाकर चौधरी आए हैं। दोनों लोग वहां से सीधे लोक निर्माण विभाग के अतिथिगृह पहुंचे। दो नए अधिकारियों के इस तरह हेलीकाफ्टर से आने की सूचना जैसे ही फैली हर जगह चर्चा शुरू हो गई। बात यह उठी कि आखिर ऐसी क्या स्थिति बनी कि इस तरह से इमरजेंसी की तरह डीएम और एसपी को जिले में शासन से भेजा गया। जबकि 17 जुलाई को जब नरसंहार हुआ तो लोग कयास लगा रहे थे कि डीएम व एसपी पर गाज जरूर गिरेगी। हालांकि उस समय नहीं गिरी। रविवार को जब तक ये अधिकारी नहीं आए थे तब तक पुराने अधिकारियों के स्थानांतरण की कोई सूचना भी नहीं आई थी। थोड़ी ही देर में डीएम अंकित कुमार अग्रवाल व एसपी सलमानताज पाटिल के तबादले का फैक्स आ गया।
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