विधायक निधि के दुरुपयोग के मामले में मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि की जमानत अर्जी खारिज

डीजीसी ने जमानत का पुरजोर विरोध किया तथा बताया कि आरोपी सदर विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि हैं तथा जिस विद्यालय को निधि से पैसा मिला उसके प्रबन्धक हैं। फर्जी कागजात तैयार कर गलत तरीके विधायक निधि ली गयी और सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 02:58 PM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 02:58 PM (IST)
विधायक निधि के दुरुपयोग के मामले में मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि की जमानत अर्जी खारिज
विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि व बैजनाथ विद्यालय के प्रबन्धक आनन्द यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

मऊ, जेएनएन। जिला एवं सत्र न्यायाधीश शंकरलाल ने विधायक निधि के ढुरुपयोग के मामले में आरोपी सदर विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि व बैजनाथ विद्यालय के प्रबन्धक आनन्द यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी। जनपद न्यायाधीश ने इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता दारोगा सिंह तथा प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता मणि बहादुर सिंह के तर्कों को सुनने के बाद उक्त आदेश पारित किया।

इस मामले में आवेदक की तरफ से बहस की गई कि विधायक निधि से विधायक ने सरकार के अनुमन्य दिशा निर्देशों के अनुरूप शिक्षा दीक्षा के विकास के लिए सरवा स्थित आवेदक के विद्यालय को अनुग्रह राशि दी गयी। उनके अधिवक्ता ने बहस के दौरान कहा कि अभियोजन द्वारा गलत आरोप लगाया गया है कि जिस आराजी नंबर पर विद्यालय के लिये पैसा दिया गया उसपर नही बनाया गया उसपर केला की खेती होती है। जबकि अभियोजन का आरोप गलत है उसी नंबर पर विद्यालय बना है और कुछ नंबरों पर केला व बागवानी है। यदि प्रस्ताव में कुछ गलत रहता तो जिलाधिकारी जांचोपरांत निरस्त कर देते।

वहीं डीजीसी ने जमानत का पुरजोर विरोध किया तथा बताया कि आरोपी सदर विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि हैं तथा जिस विद्यालय को निधि से पैसा मिला उसके प्रबन्धक हैं। फर्जी कागजात तैयार कर गलत तरीके विधायक निधि ली गयी और सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। यह मामला सरायलखंसी थाना क्षेत्र का है। गत 24 अप्रैल 2021 को इसी थाना क्षेत्र के सरवा निवासी आवेदक विजय गुप्ता ने प्रार्थना पत्र दिया कि सरवां निवासी बैजनाथ यादव के विद्यालय को मानक के विपरीत सदर विधायक ने दो बार में 25 लाख रुपया दिया। उस नंबर पर विद्यालय नहीं केला की खेती होती है। कूट रचित दस्तावेज तैयार कर विधायक निधि का दुरुपयोग हुआ।

जांच के बाद धोखाधड़ी कूट रचना व षडयंत्र का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में सदर विधायक व विद्यालय प्रबंधक व अन्य को आरोपी बनाया गया। आरोपी विद्यालय प्रबंधक आनंद यादव की तरफ से जमानत अर्जी दी गयी थी। न्यायाधीश ने मामले की तथ्य और परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए सदर आनन्द यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी। न्यायाधीश ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि विकास हेतु सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किये जाने का पर्याप्त साक्ष्य पत्रावली में उपलब्ध है।

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