मध्याह्न भोजन में मशरूम का एकीकरण कर महिला सशक्‍तीकरण की दिशा में एक नई पहल, वाराणसी में एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर

वाराणसी जिले में एमडीएम परियोजना के तहत मशरूम के एकीकरण के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। चरणबद्ध तरीके से पूरे जिले में लागू करते हुए अन्य ब्लाको की अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार का अवसर प्रदान किया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 19 Mar 2021 05:12 PM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 05:12 PM (IST)
मध्याह्न भोजन में मशरूम का एकीकरण कर महिला सशक्‍तीकरण की दिशा में एक नई पहल, वाराणसी में एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर
वाराणसी में एमडीएम परियोजना के तहत मशरूम के एकीकरण के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया।

वाराणसी, जेएनएन। जनपद वाराणसी जिले में महिलाओं के सशक्‍तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गयी। जिसके अंतर्गत आज शुक्रवार को सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में प्रदेश सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित भव्य विकास एवं स्वास्थ्य प्रदर्शनी के अवसर पर वाराणसी जिले में एमडीएम परियोजना के तहत मशरूम के एकीकरण के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इस योजना से स्वयं सहायता समूह एवं किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी) की महिलाओं के आजीविका संवर्धन हेतु महिला सशक्‍तीकरण की दिशा में आत्म-सम्मान से आत्म-निर्भरता की ओर एक अभिनव पहल जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा एवं मुख्य विकास अधिकारी मधुसुदन हुल्गी के दिशानिर्देश में की गयी।

इसके तहत टेक्निकल सपोर्ट यूनिट–कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश (बिल एंड मिलिंडा गेट्स फॉउंडेशन समर्थित) के समर्थन द्वारा राष्ट्रिय ग्रामीण आजीविका मिशन, बेसिक शिक्षा विभाग एवं जया सीड्स प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड (एफपीसी) जयापुर, वाराणसी के बीच त्रिपक्षीय एम.ओ.यू हस्ताक्षरित किया गया। इसके अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी विद्यालय के बच्चों को मीड-डे-मील योजना में पोषण दृष्टी से सप्ताह में एक दिन (प्राइमरी के बच्चों को 15 ग्राम एवं अपर प्राइमरी विद्यालय के बच्चों को 20 ग्राम) मशरूम उपलभ्ध कराया जायेगा। मशरूम में पोष्टिक तत्वों की प्रचूरता होती है, अतः इसके मध्यान भोजन में सम्मिलित होने से बच्चों को पौष्टीक आहार भी मिलेगा वही “महिलाओं की आय दोगुनी” होगी। जिले में समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित मशरूम की आपूर्ति एफपीसी द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही साथ एफपीसी मशरूम का मूल्य संवर्धन करते हुए सदस्यों को बेहतर मार्केट दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। योजना के शुरुआत में अराजीलाइन ब्लाक की समूह की महिलाओं को शामिल किया जाएगा। जिनके द्वारा प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन के उपरांत मशरुम का उत्पादन कर प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी विद्यालय में आपूर्ति की जाएगी। प्रथम चरण में योजना अंतर्गत जिले के अराजीलाइन ब्लाक को ‘मशरूम ब्लॉक’ के रूप में विकसित किया जाएगा। बाद में चरणबद्ध तरीके से पूरे जिले में लागू करते हुए अन्य ब्लाको की अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार का अवसर प्रदान किया जाएगा जिसके द्वारा पूरे जिले के लगभग 1367 विद्यालयों के एक लाख अस्सी हज़ार से अधिक बच्चों को मशरूम उपलब्ध कराया जायेगा।

इसके अंतर्गत कार्य में शामिल प्रत्येक समूह की महिला को प्रति माह लगभग 3500 रु की आमदनी होगी। उक्त अवसर पर  जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी मधुसुदन हुल्गी, उपायुक्त एनआरएलएम दिलीप कुमार सोनकर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह, उप कृषि निदेशक स्मिता वर्मा, जया सीड्स प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड (एफपीसी) शार्दूल विक्रम चौधरी तथा टेक्निकल सपोर्ट यूनिट कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश (बिल एंड मिलिंडा गेट्स फॉउंडेशन समर्थित) से प्रदीप कुमार, चित्रलेखा धर सहित अन्य सम्बंधित जन आदि उपस्थित रहे।

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