स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से वाराणसी में रोजगार बढ़ाने का प्रयास
बैंकिंग समझ बढ़ाने की दिशा में वित्तीय साक्षरता केंद्र खोला गया है। बैंककर्मियों की टीम बनारस में आर्थिक लेनदेन के पक्षों को समझाने की कोशिश करती है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी।
बनारस में रोजगार के अवसर बढ़े इसकी कोशिशें लगातार जारी है। लोगों की समझ को समृद्ध करते हुए ही लोगों को रोजगार की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है। अवसर भी काफी हैं। जरूरत बस नियोजित जागरूकता की है। इसी दिशा में काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक की ओर से अपनी सामाजिक दायित्व को पूरा करते हुए स्वयं सहायता समूहों को मजबूत किया जा रहा है।
बनारस सहित सात जिलों में करीब 29 हजार स्वयं सहायता समूहों के लोगों को विभिन्न सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। बाशिंदों में वित्तीय समझ बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है। आज भी लोग बैंकों की ओर कदम न बढ़ाकर सूदखोरों और साहूकारों पर निर्भर रहते हैं। इससे लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस प्रवृत्ति को रोकने की लगातार कोशिश की जा रही है।
स्वयं सहायता समूह के साथ ही संयुक्त देयता समूह के माध्यम से रोजगार की दिशा में कार्य हो रहा है। प्रशिक्षण देकर बाजार के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कृषि आधारित उपजों से कई तरह के व्यावसायिक लाभ कैसे लिए जाए। इसकी समझ बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ई-शक्ति के माध्यम से लोगों को पंजीकृत किया जा रहा है। सब कुछ ऑनलाइन जारी किया जा रहा है।
लोगों की आर्थिक समझ बढ़े
बैंकिंग समझ बढ़ाने की दिशा में वित्तीय साक्षरता केंद्र खोला गया है। बैंककर्मियों की टीम बनारस में आर्थिक लेनदेन के पक्षों को समझाने की कोशिश करती है। इसमें सरकार की क्या-क्या योजनाएं हैं और उसका लाभ कैसे उठा सकते हैं। बैंक खाता खोलना, एटीएम का इस्तेमाल करने, डिजिटल लेनदेन करने, नोटों की समझ आदि पक्षों से अवगत कराया जाता है।
बैंकिंग कारोबार के साथ ही सामाजिक दायित्व को भी निभाया जा रहा है। आज के आर्थिक परिवेश में लोगों को वित्तीय समझ और रोजगार के मौके देने की जरूरत सबसे ज्यादा महसूस की गई है। ग्रामीण इलाकों में अर्थ तंत्र को नियोजित तरीके से समृद्ध किया जा रहा।
- पवन कुमार दास, चेयरमैन, काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक