March closing : तीन दिन में पास हुए आपदा राहत के 1.05 करोड़, कोषागार कर्मी पूरी मुस्तैद

वाराणसी में तीन दिनों में आपदा राहत के आधा दर्जन बिलों के करीब 1.05 करोड़ रुपये के बिल पास किए गए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 27 Mar 2020 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2020 08:30 AM (IST)
March closing : तीन दिन में पास हुए आपदा राहत के 1.05 करोड़, कोषागार कर्मी पूरी मुस्तैद
March closing : तीन दिन में पास हुए आपदा राहत के 1.05 करोड़, कोषागार कर्मी पूरी मुस्तैद

वाराणसी [अशोक सिंह]। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हर तरफ लॉकडाउन कर दिया गया है। सरकारी से लेकर निजी संस्थान या तो बंद हैं या फिर न के बराबर कर्मचारी दफ्तरों में आ रहे। इसके बाद भी कहीं धन की कमी न हो, इसके लिए कोषागार कर्मी पूरी मुस्तैदी से डटे हुए हैं। वित्तीय वर्ष का अंतिम सप्ताह होने की वजह से विभिन्न विभागों के बिलों को तत्परता से पास किया जा रहा है। पूरे दिन अधिकारी और सौ फीसद कर्मचारी लगे हुए हैं। तीन दिनों में आपदा राहत के आधा दर्जन बिलों के करीब 1.05 करोड़ रुपये के बिल पास किए गए। इसी प्रकार श्रम विभाग का 3.49 लाख, मत्स्य विभाग का 11.26 लाख, श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लोक निर्माण विभाग को 35 करोड़, प्रोवेशन के 28.7 लाख रुपये का बिल पास किया गया। 

मुख्य कोषाधिकारी शिवराम ने बताया कि जनताCurfew के बाद लॉकडाउन में भी कोषागार खोला जा रहा है। हालांकि वित्तीय वर्ष का अंतिम सप्ताह होने के बाद भी विभागों से बिल पास कराने वालों की संख्या काफी कम रही। इसलिए आहरण वितरण अधिकारियों को सूचित किया गया कि वे 31 मार्च का इंतजार करने के बजाय आवश्यक बिल पास करा लें। कोषागार खुला है। इसके बाद बहुत से विभाग सक्रिय हुए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी बिलों को तत्परता से पास किया जा रहा है।

विभिन्न विभागों के बिल हुए पास

कोषागार में लगातार विभिन्न विभागों के मार्च क्लोजिंग के बिल आ रहे हैं। इसमें पिछले दो दिनों में शिक्षा विभाग के करीब 100, स्टेडियम के छह, कृषि के 200, मत्स्य के 92 व बेसिक शिक्षा के आठ समेत माध्यमिक शिक्षा, समाज कल्याण, डीआरडीए, पर्यटन, मेडिकल, अल्पसंख्यक कल्याण, सीडीओ, सेंट्रल व जिला जेल, नजारत आदि के बिल शामिल रहे।

बिल फंसा आहरण वितरण अधिकारी के साथ

वित्तीय वर्ष का अंतिम सप्ताह में विभागों के बिल पास करना है। ऐसे में कई विभागों के बिल फंस गए हैं। कई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वे लॉकडाउन की वजह से शहर से बाहर फंसे हैं। इस कारण वे बिल को पास नहीं कर पा रहे हैं ताकि वह कोषागार तक पहुंच सके।

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